अहमदाबाद प्लेन क्रैश की रिपोर्ट में बड़े खुलासे

पुणे/अहमदाबाद।अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद देशभर में चर्चा तेज हो गई है। इसी बीच नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने इस गंभीर हादसे पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, और इसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।”

मोहोल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पहले ऐसी दुर्घटनाओं के मामलों में ब्लैक बॉक्स विदेश भेजना पड़ता था, लेकिन अब हम स्वयं जांच कर पा रहे हैं। एएआईबी एक स्वतंत्र एजेंसी है और इसकी जांच में मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। हमें जांच पूरी होने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए।”

12 जून का हादसा, 260 लोगों की गई जान

गौरतलब है कि 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जबकि नीचे मौजूद 19 अन्य लोग भी हादसे का शिकार हुए। यह पिछले एक दशक का सबसे घातक विमान हादसा माना जा रहा है।

क्या कहती है जांच रिपोर्ट?

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि विमान के दोनों इंजनों को मिलने वाली ईंधन आपूर्ति एक-एक सेकंड के अंतराल पर अचानक बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में हड़कंप मच गया।

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट के द्वारा दूसरे से पूछते सुना गया—“तुमने ईंधन क्यों बंद किया?” जवाब में पायलट ने कहा—“मैंने नहीं किया।” इस संवाद ने जांच को और पेचीदा बना दिया है।

सवालों के घेरे में सुरक्षा प्रोटोकॉल

इस हादसे ने एयरलाइन की तकनीकी सुरक्षा व्यवस्था, ग्राउंड स्टाफ की सतर्कता और ईंधन प्रबंधन प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सिस्टमिक फेलियर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

मुरलीधर मोहोल ने जोर देकर कहा कि “हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए हर कोण से जांच की जा रही है। हमें अफवाहों से बचते हुए रिपोर्ट के पूर्ण निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए।”

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