“लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के नाम पर 10 करोड़ की फिरौती: CRPF का पूर्व जवान और फाइनेंसर गिरफ्तार, जयपुर में गैंग का खुलासा”

जयपुर के एक बड़े व्यापारी से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने धर दबोचा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नेत्रपाल सिंह और मान प्रजापति उर्फ मंगलचंद उर्फ मान बॉक्सर के रूप में हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से एक आरोपी मान प्रजापति पांच साल तक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में नौकरी कर चुका है। अब यह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई और उसके विदेशी नेटवर्क के लिए काम कर रहा था।

जयपुर साइबर थाना पुलिस को जब इस धमकी की भनक लगी, तो डीसीपी क्राइम कुंदन कांवरिया के निर्देशन में ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। पुलिस टीम ने आमेर के कुंडा और लालकोठी के कृष्णानगर इलाके से दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया। इनके पास से गैंग के विदेशी हैंडलर हरि बॉक्सर से बातचीत में इस्तेमाल हुए दो मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं।

पुलिस जांच में सामने आया कि अनमोल बिश्नोई कनाडा, फ्रांस (बर्लिन), और जर्मनी में बैठकर अपने गुर्गों के जरिए जयपुर जैसे शहरों में कारोबारियों, ज्वेलर्स और बिल्डर्स की रेकी कराता है। उसके बाद सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और वॉट्सऐप के जरिए उनसे फिरौती मांगी जाती है। धमकी देने पर ‘हरि बॉक्सर’ नाम का गैंग सदस्य सक्रिय भूमिका निभाता है।

मान प्रजापति मूल रूप से जयपुर जिले के फुलेरा में प्रतापपुरा गांव का रहने वाला है और लालकोठी इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। वह CRPF छोड़ने के बाद फाइनेंस का धंधा करने लगा। लोगों को ऊंचे ब्याज पर पैसा देकर, न चुकाने पर गैंगस्टर के नाम पर धमकाता और जबरन वसूली करता था। दूसरी ओर, नेत्रपाल सिंह आमेर के कुंडा क्षेत्र का निवासी है और सीधे हरि बॉक्सर के संपर्क में था।

यह गिरोह न सिर्फ अवैध वसूली करता है, बल्कि ज़मीनें खाली करवाने जैसे अपराध भी अनमोल बिश्नोई के नाम पर अंजाम देता है। पुलिस अब इस नेटवर्क के सोशल मीडिया माध्यमों से मिले डेटा और चैट्स के आधार पर पूरे रैकेट की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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