जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर

12 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया, LoC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम; सर्चिंग जारी


कुपवाड़ा।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया। 13 अक्टूबर की शाम 7 बजे से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (LOC) के पास कुंबकडी के जंगल में यह ऑपरेशन जारी है। आतंकियों ने यहां से घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम किया है।
इससे पहले 8 सितंबर को सेना ने कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया था। गुड्डर के जंगलों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सेना ने इसे ‘ऑपरेशन गुड्‌डर’ नाम दिया था। इस दौरान घायल हुए दो जवान भी शहीद हुए थे।
ऑपरेशन गुड्‌डर में मारे गए एक आतंकी की पहचान शोपियां के रहने वाले आमिर अहमद डार के तौर पर हुई थी। वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से एक्टिव था। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी 14 आतंकवादियों की लिस्ट में यह भी शामिल था।


एनकाउंटर और फायरिंग में 7 सुरक्षाकर्मी शहीद

13 अगस्त : 13 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में हुई गोलीबारी में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है। LoC पर गोलीबारी की यह घटना उरी सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थित चुरुंडा गांव के पास हुई थी।

8 मई : LoC पर पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में जवान लांस नायक दिनेश कुमार शहीद हो गए थे। यह गोलाबारी जम्मू-कश्मीर के पुंछ, तंगधार और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में हुई। शहीद दिनेश कुमार 5 फील्ड रेजिमेंट से थे।

12 अप्रैल : अखनूर में 12 अप्रैल को आतंकवादियों से मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के JCO कुलदीप चंद शहीद हो गए थे। अखनूर के केरी बट्टल इलाके में एक रात पहले एनकाउंटर शुरू हुआ था।

28 मार्च : इससे पहले 28 मार्च को कठुआ में हुई मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे। जबकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे। इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे।
अगस्त में हुए 2 ऑपरेशन

गुरेज सेक्टर में मारे गए थे 2 आतंकी: 26 अगस्त में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हुई एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। उनमें से एक की पहचान बागू खान के रूप में हुई, जिसे ‘ह्यूमन GPS’ कहा जाता था। सुरक्षा बलों को दशकों से इसकी तलाश थी क्योंकि वह 1995 से 100 से ज्यादा घुसपैठ की कोशिशों में शामिल था।
कुलगाम में चला था सबसे लंबा ऑपरेशन: 1 से 12 अगस्त श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर कुलगाम में ऑपरेशन अखल नामक एक ऑपरेशन चलाया गया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक आतंकवादी मारा गया। इसकी पहचान पुलवामा निवासी हारिस डार के रूप में हुई थी।

Spread the love