
राजस्थान में छात्रसंघ चुनावों को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं पर अब डिप्टी सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए बैरवा ने कहा कि “वर्तमान हालातों को देखते हुए फिलहाल छात्रसंघ चुनाव कराना संभव नहीं है। राज्य सरकार की भी अभी छात्रसंघ चुनाव करवाने की कोई मंशा नहीं है।” बैरवा ने आरोप लगाया कि छात्रसंघ चुनावों को बंद कराने की शुरुआत पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई थी और इसकी फाइलें आज भी उनके पास मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में भी वर्षों से छात्रसंघ चुनाव नहीं हो रहे हैं, इसलिए यह मुद्दा केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस समय प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, और सरकार की प्राथमिकता सुचारू शैक्षणिक वातावरण बनाए रखना है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार ने भी कुछ व्यावहारिक कारणों के चलते छात्रसंघ चुनावों को रोका था, और हम भी उन्हीं बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं। जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।” बैरवा के इस बयान से साफ है कि फिलहाल छात्र राजनीति की बहुप्रतीक्षित बहाली की संभावना नहीं है। ऐसे में छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों की नजर अब सरकार की अगली घोषणा पर टिकी रहेगी।
