सावन में सजी अरावली की गोद, पर्यटकों की पहली पसंद बना ऐतिहासिक गोरम घाट

भील बेरी झरना, मीटर गेज ट्रैक और धूणी आश्रम ने मोहा मन, उमड़ी हजारों की भीड़

पल पल राजस्थान / महावीर व्यास

मारवाड़ जंक्शन। राजस्थान के मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर गोरम घाट सावन-भादो के इस मौसम में पर्यटकों की पहली पसंद बन चुका है। अरावली की वादियों में बसा यह स्थल इन दिनों हरियाली, झरनों और ऐतिहासिक धरोहरों की झलक पाने वालों से गुलजार हो रहा है। खासकर भील बेरी और जोग मंडी झरना, अपनी चमत्कारी धारा और रोमांच से सैलानियों को आकर्षित कर रहा है।

ऐतिहासिक मीटर गेज लाइन बनी आकर्षण का केंद्र

अंग्रेजों के जमाने की सर्पिलाकार मीटर गेज रेलवे लाइन, गोरम घाट का सबसे अनूठा आकर्षण बनी हुई है। इस ट्रैक पर चलने वाली हेरिटेज एक्सप्रेस और सवारी गाड़ियाँ हजारों पर्यटकों को अरावली की हरी चादर के बीच से होकर ले जाती हैं। पुलों, सुरंगों और घाटियों से गुजरती यह यात्रा, रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है।

चमत्कारी धूणी आश्रम और वन्यजीवों की मौजूदगी

गोरम घाट में स्थित धूणी आश्रम, जहां चमत्कारिक प्रभुजी की उपस्थिति मानी जाती है, भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। साथ ही अरावली की पहाड़ियों में विचरण करते वन्यजीव और पक्षी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान हैं।

पर्यटकों को दी जा रही सावधानी की सलाह

जिला एवं उपखंड प्रशासन ने झरनों और डूब क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है। लगातार बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया है, ताकि पर्यटकों का अनुभव रोमांचक के साथ-साथ सुरक्षित भी बना रहे।

184 मीटर ऊँचाई से गिरता भील बेरी झरना बना मुख्य आकर्षण

भील बेरी झरना, जो लगभग 184 मीटर की ऊँचाई से गिरता है, सावन की फुहारों के साथ जीवन्त हो उठा है। झरने की गर्जना और उससे उठती ठंडी बौछारें हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

गोरम घाट, इस सावन में न सिर्फ प्रकृति का उपहार बन चुका है, बल्कि संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम भी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *