
गुजरात के वडोदरा ज़िले में बुधवार सुबह एक भीषण हादसा हुआ जब महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना पुल अचानक टूट गया। हादसे के वक्त ब्रिज पर से गाड़ियां गुजर रही थीं, जो सीधे नदी में गिर गईं।
पुल के टूटते ही दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा नदी में समा गए, जबकि एक टैंकर पुल के टूटे सिरे पर फंस गया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 8 लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है।
स्थानीय लोगों ने चलाया बचाव अभियान, प्रशासन नदारद
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन उनका आरोप है कि प्रशासन और अधिकारियों की कोई मदद नहीं मिली। एक युवक ने बताया, “हम सुबह से ही शव निकाल रहे हैं, अब तक एक बच्चा मृत मिला और एक लापता है।”
45 साल पुराना पुल बना मौत का फंदा
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की जर्जर हालत को लेकर कई बार प्रशासन को अलर्ट किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।


सौराष्ट्र से संपर्क टूटा, अब अहमदाबाद होकर जाना पड़ेगा
यह पुल मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला अहम मार्ग था। इसके टूट जाने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे शहरों से सौराष्ट्र पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। अब वाहनों को अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
पीएम मोदी ने जताया दुख, की मुआवज़े की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
सवालों के घेरे में प्रशासन, लापरवाही बनी 10 जिंदगियों की कीमत
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। अगर समय रहते पुल की मरम्मत की जाती, तो आज इतनी जानें नहीं जातीं। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर दोषियों पर कब होगी कार्रवाई?