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राज्य के युवाओं को बड़ी राहत देते हुए आगामी पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार देने की योजना को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस ऐतिहासिक प्रस्ताव पर मुहर लगी। वर्ष 2025 से 2030 तक के लिए बनाई गई इस रोजगार नीति के तहत विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी, जो नौकरी के नए विकल्पों की तलाश और युवाओं को मार्गदर्शन देने का कार्य करेगी।
इस बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सबसे प्रमुख रहा राज्य के बम निरोधक दस्ते के कर्मचारियों को मूल वेतन का 30 प्रतिशत तक जोखिम भत्ता देना। यह भत्ता हर महीने उन्हें दिया जाएगा। वहीं मुंगेर से सबौर तक 83 किलोमीटर लंबी गंगा पथ परियोजना को भी स्वीकृति मिली है, जिस पर करीब 9970 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह परियोजना मुंगेर और भागलपुर के शहरी इलाकों में जाम की समस्या से निपटने और वैकल्पिक मार्ग प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
बैठक में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल की लागत तीसरी बार बढ़ाकर 3923 करोड़ रुपये कर दी गई, जिसे अब उसी लागत में पूरा किया जाएगा। वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिति में टैक्स देने वाले व्यवसायियों के आश्रितों को पांच लाख रुपये की अनुदान राशि देने की योजना को भी स्वीकृति मिली है। यह सहायता व्यक्तिगत करदाताओं के लिए होगी।
सरकार ने वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत हाई स्कूलों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संचालन के लिए 3.94 अरब रुपए की राशि भी मंजूर की है, जो विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर वितरित की जाएगी। ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने ‘बिहार पंप भंडारण परियोजना प्रोत्साहन नीति 2025’ को मंजूरी दी है, जिससे राज्य में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई गई है।
पटना मेट्रो रेल के तीन साल के रखरखाव कार्य के लिए 179 करोड़ रुपये दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिए जाएंगे। वहीं तीन कोच वाले सिंगल ट्रेन सेट के किराये के लिए 21.15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। जल वितरण नेटवर्क के तहत दानापुर-जलालपुर योजना के लिए 99.99 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे 117.72 किलोमीटर का नेटवर्क तैयार किया जाएगा।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के तहत बीएलओ और उनके सुपरवाइजरों को अतिरिक्त 6000 रुपये एकमुश्त मानदेय देने के लिए 51.68 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सात निश्चय योजना के अंतर्गत साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को दो प्रस्तावों के तहत कुल 170 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई—46 पॉलीटेक्निक संस्थानों और 38 अभियंत्रण महाविद्यालयों में प्रयोगशालाओं के उन्नयन हेतु।
कैबिनेट बैठक में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तारीकरण, नवीकरण और आधुनिकीकरण के लिए 7832.29 करोड़ की स्वीकृति भी दी गई। साथ ही चार चिकित्सकों को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला भी लिया गया है। इनमें बेगूसराय, लखीसराय और जमुई के चिकित्सक शामिल हैं, जिन पर सेवा में लापरवाही के गंभीर आरोप हैं।
अंततः, न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को जनवरी 2016 से राज्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वेतनवृद्धि देने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है।