सावधान कलेक्टर साहब! सड़क नहीं बनी तो होगी गिरफ्तारी, कोर्ट ने कहा- अब संपत्ति कुर्क करने की बारी

जोधपुर/भोपालगढ़। राजस्थान के प्रशासनिक गलियारों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अदालत ने सीधा कलेक्टर और एसडीएम की कुर्सी पर ही प्रहार कर दिया। यह मामला जोधपुर के भोपालगढ़ का है, जहां एक सार्वजनिक सड़क बनाने के आदेश को ठंडे बस्ते में डालना बड़े अधिकारियों को अब बहुत भारी पड़ने वाला है। भोपालगढ़ सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तल्ख तेवर अपनाते हुए जोधपुर जिला कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और नगर पालिका ईओ को खुली चेतावनी दी है कि अगर 24 दिसंबर तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ, तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी का वारंट भी जारी होगा।

दरअसल, यह पूरा विवाद लोक अदालत के उस फैसले से जुड़ा है जिसे प्रशासन ने शायद हल्के में ले लिया था। भोपालगढ़ निवासी रामकिशोर और अन्य ग्रामीणों ने एक सार्वजनिक रास्ते पर सड़क बनाने के लिए लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 27 सितंबर 2023 को अदालत ने ग्रामीणों के हक में फैसला सुनाते हुए वहां सड़क बनाने का आदेश दिया था। महीनों बीत गए, फाइलें धूल फांकती रहीं, लेकिन सड़क की एक ईंट तक नहीं रखी गई। प्रशासन की इस हठधर्मिता से नाराज पीड़ित पक्ष जब दोबारा कोर्ट पहुंचा, तो अदालत का पारा चढ़ गया और अब सीधे ‘कुर्की’ का अल्टीमेटम थमा दिया गया है।

न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि लोक अदालत के फैसलों का मजाक उड़ाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डिक्री की पालना सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ने 24 दिसंबर की डेडलाइन तय की है। इधर, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की तलवार लटकते देख जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। कलेक्टर गौरव अग्रवाल अब अपनी सफाई में कह रहे हैं कि प्रशासन ने अपना काम कर दिया है और गेंद अब सार्वजनिक निर्माण विभाग के पाले में है। हालांकि, कोर्ट के सख्त रुख ने यह साफ कर दिया है कि अफसरों की आपसी खींचतान और कागजी कार्रवाई अब नहीं चलेगी; या तो 24 दिसंबर तक सड़क बनेगी, वरना साहबों को हवालात या कुर्की का सामना करना पड़ेगा।

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