
बांसवाड़ा के कलिंजरा क्षेत्र से 19 दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुए चारों स्कूली दोस्त आखिर उदयपुर बस स्टैंड पर सकुशल मिल गए हैं। ये चारों नाबालिग दोस्त मुंबई जाकर मजदूरी करने की योजना बनाकर निकले थे, लेकिन पैसे खत्म होने के कारण उन्हें उदयपुर में ही रुकना पड़ा।
थानाधिकारी विक्रमसिंह ने बताया कि चारों दोस्त 13 नवंबर को स्कूल जाने के बहाने घर से निकले थे, लेकिन स्कूल न जाकर वे सीधे बड़ोदिया पहुँचे और वहाँ से रोडवेज बस पकड़कर बांसवाड़ा और फिर उदयपुर पहुँच गए।
स्कूल नहीं, कमाना चाहते थे
पूछताछ में बच्चों ने पुलिस को बताया कि वे अब स्कूल नहीं जाना चाहते थे क्योंकि परिजन उन पर पढ़ाई का दबाव डाल रहे थे। उन्होंने अपनी योजना के तहत मुंबई जाकर करीब एक साल तक मजदूरी करने का फैसला कर लिया था। उनकी इस यात्रा की एक खास बात यह रही कि उनके पास जो एकमात्र मोबाइल था, उसे भी उन्होंने रास्ते में पैसे जुटाने के लिए बेच दिया था, जिसके कारण उनसे किसी का संपर्क नहीं हो पाया और पुलिस के लिए उनकी तलाश एक बड़ी चुनौती बन गई।
नाबालिग होने के कारण उन्हें उदयपुर में किसी होटल में ठहरने की जगह नहीं मिली, इसलिए वे शहर के एक ढाबे पर ही रुके रहे।
पुलिस ने खंगाले 90 CCTV, मुंबई तक की दौड़
बच्चों के देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने 15 नवंबर को उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। एक साथ चार स्कूली बच्चों के लापता होने से पूरे क्षेत्र में तरह-तरह की आशंकाएं फैल गई थीं। पुलिस ने तत्काल खोजबीन के लिए 20 जवानों की तीन टीमें गठित कीं।
- शुरुआती भ्रम: पुलिस को पहली सूचना मिली कि बच्चे मुंबई में किसी परिचित के पास हो सकते हैं। इस आधार पर एक टीम तीन दिन तक मुंबई में रही, लेकिन बच्चे वहाँ नहीं मिले।
- तलाश का आधार: इसी बीच, गाँव में तलाश के दौरान बड़ोदिया के सीसीटीवी फुटेज में चारों बच्चों को रोडवेज बस में बैठते देखा गया।
- सटीक जानकारी: रोडवेज के परिचालक रणजीतसिंह ने भी पुष्टि की कि चार बालक उदयपुर जाने वाली बस में सवार हुए थे।
इसके बाद पुलिस ने उदयपुर पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया। सीआई विक्रमसिंह और डिप्टी संदीप सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने आठ दिन तक उदयपुर में डेरा डाले रखा। इस दौरान पुलिस ने स्थानीय मदद से होटल, ढाबे, रेन बसेरों और प्रमुख स्थानों पर 5,000 पम्फलेट चिपकाए और कुल 90 स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
🙏 बस स्टैंड पर मिली सफलता
लंबी खोजबीन और अथक प्रयासों के बाद आखिर पुलिस को उदयपुर बस स्टैंड पर चारों बच्चे दिखाई दिए। पुलिस ने तुरंत उन्हें सुरक्षित दस्तयाब कर लिया। 19 दिन बाद बच्चों को सकुशल पाकर परिजनों और पुलिस ने राहत की साँस ली।
