अरावली की गोद में बसा चमत्कारी शिवधाम, केलझर महादेव में जागती है आस्था, बरसते हैं चमत्कार

संतान की चाह लेकर पहुंचते हैं दंपत्ति, चट्टानों से प्रकट हुआ शिवलिंग बना श्रद्धा का केंद्र

पल पल राजस्थान / महावीर व्यास

चित्तौड़गढ़। अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित केलझर महादेव मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि चमत्कारों और आत्मिक शांति का संगम भी है। चित्तौड़गढ़ जिले के नेतावलगढ़ पांछली ग्राम पंचायत में स्थित यह मंदिर वर्षों से श्रद्धा, तपस्या और दिव्यता का प्रतीक बना हुआ है।

शिवलिंग स्वयंभू, नंदी भी प्रकट हुए
मंदिर के महंत राम कृपा दास महाराज के अनुसार, यहां का शिवलिंग और नंदी किसी मूर्तिकार द्वारा स्थापित नहीं, बल्कि चट्टानों से स्वयं प्रकट हुए हैं। शिवलिंग एक गुफा के अंदर है, जो इसे और अधिक रहस्यमयी बनाता है।

ऋषि-मुनियों की तपोभूमि
इस स्थान को तपोभूमि माना जाता है। मान्यता है कि प्राचीन काल में यहां ऋषि-मुनि गुफाओं में साधना करते थे। आज भी इन गुफाओं के निशान देखे जा सकते हैं, जो इस स्थान की आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रमाणित करते हैं।

मनोकामना पूर्ति का केंद्र
यहां हर साल सैकड़ों निसंतान दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना लेकर पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।

शिवरात्रि और हरियाली अमावस्या पर भव्य आयोजन
महाशिवरात्रि और हरियाली अमावस्या पर यहां विशाल भंडारा, भजन संध्या और मेला लगता है। दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन को पहुंचते हैं।

चमत्कारी जलकुंड और नरसिंह दास महाराज की कथा
मंदिर परिसर में ऊपर दो और नीचे तीन जलकुंड हैं, जो साल भर पानी से भरे रहते हैं। इन कुंडों का पानी शादियों में पकवान बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
यहां की प्रसिद्ध कथा के अनुसार, संत नरसिंह दास महाराज ने एक बार जलकुंड का पानी घी में बदल दिया था, जिससे भंडारे में मालपूए बनाए गए।

सरकारी सहयोग और विकास
1993-94 में तत्कालीन एसडीएम रामराय बांगड़ के प्रयासों से मंदिर में सीढ़ियों, रेलिंग, सराय व अन्य निर्माण कार्य हुए। 1995 में इसे श्री केलझर महादेव सार्वजनिक ट्रस्ट द्वारा पंजीकृत किया गया, जो अब मंदिर की देखरेख करता है।

पर्यटन और आध्यात्म का संगम
अरावली की हरियाली, पक्षियों की आवाजें, और पहाड़ियों से बहता झरना इस स्थान को ध्यान, योग और आत्मिक साधना के लिए आदर्श बनाते हैं। श्रद्धालु यहां आकर न केवल पूजा करते हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं।

सुविधाजनक पहुंच, बना पक्का रास्ता
चित्तौड़गढ़ से आसानी से वाहन द्वारा पहुंचा जा सकता है। पक्की सड़क और रास्ते भर फैली हरियाली यात्रा को सुखद बनाती है।

केलझर महादेव सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि वह स्थल है जहां धर्म, अध्यात्म, प्रकृति और चमत्कार एक साथ सांस लेते हैं। यह वह जगह है जहां श्रद्धा सिर झुकाती है और आत्मा शांति पाती है।

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