
आमेट : प्रेक्षा फाउंडेशन के निर्देशानुसार प्रेक्षा वाहिनी ने तेरापंथ भवन में विराजित साध्वी सम्यक प्रभा जी ठाणा 4 के सानिध्य में प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला आयोजित कि गई। कार्यशाला का शुभारंभ साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र व प्रेक्षा गीत का सामूहिक संगान किया। साध्वी श्री सम्यक प्रभाजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि आत्मा मात्र एक प्रकाश है। हम अपने मन के अनुसार कैसे प्रकाश को देख सकते हैं। आपने कभी आंख बंद करके बैठे तो उसमें एक कलर का ध्यान करें आत्मा के द्वारा आत्मा को कैसे देखा जा सकता है।
एक सुगंध की तरह हमारी आत्मा है जो व्यक्ति आत्मा तक पहुंचने का प्रयास करता है वह धीरे-धीरे परमात्मा तक पहुंच जाता है सुख और शांति का झरना हमारे भीतर है। लेकिन हम सुख के लिए बाहर भटक रहे हैं। प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला में भाग लेकर अपने आंतरिक स्वरूप को बनाए स्वस्थ एवं सुंदर, एक शांत शक्तिशाली व्यक्तित्व का निर्माण करे। साध्वी मलय प्रभा जी ने भगवान महावीर की पूरी साधना का रहस्य ध्यान और तप ही था।
तो हम भी भगवान महावीर की साधना का अनुसरण करते हुए। ध्यान का विशेष एकाग्र होकर प्रयोग करें। साध्वी श्री जी ने ध्यान का अच्छा प्रयोग करवाया।प्रेक्षा वाहिनी संवाहक रेणु छाजेड़ ने कहा कि आज के दौर में प्रेक्षा ध्यान केवल एक ध्यान विधि नहीं बल्कि एक जीवन शैली है जो उन्हें मानसिक शांति शारीरिक स्वास्थ्य आंतरिक शक्ति के जागरण की दिशा में अग्रसर करती है।इस अवसर पर सभी संस्था के पदाधिकारी महोदय व श्रावक-श्राविकाओ की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन प्रेक्षा वाहिनी संवाहक रेणु छाजेड़ ने किया। यह जानकारी जेटीऐन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी।