
श्रीगंगानगर – श्रीगंगानगर में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। आरोपी ने 11 साल 454 हिंदुओं को ईसाई बनाने की बात कबूल की है। आरोपी ने बताया कि फ्रेंड्स मशीनरी प्रेयर बैंड (FMPB) संगठन उसे हर साल 20 लोगों को कन्वर्ट करने का टारगेट देता था। इसके लिए उसे 9 हजार रुपए महीना और भत्ते दिए जाते थे।
मामला अनूपगढ़ थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 का है। एसएचओ ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3 बजे गांव 24 एपीडी के संदीप (23) ने थाने में धर्म परिवर्तन कराने की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पौलुस बारजो (47) और आर्यन को राउंडअप किया।
आरोपी के घर से रजिस्टर मिले हैं, जिनमें धर्मांतरण किए हुए लोगों के नाम और अन्य जानकारी मिली। पूछताछ में पौलुस बारजो ने 454 हिंदुओं को ईसाई बनाने की बात कबूल की।
शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराया
पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित संदीप ने बताया कि अनूपगढ़ रेलवे स्टेशन के पास बाइक स्पेयर पार्ट्स के दुकान मालिक आर्यन और उसके पिता विनोद मेरे पुराने परिचित है। एक महीने पहले मैं उनकी दुकान पर बाइक का सामान लेने गया था। बातों-बातों में उन्होंने मेरी शादी के बारे में पूछा। मैंने बताया कि मेरी शादी अभी तक नहीं हुई है। आर्यन और उसके पिता विनोद ने मुझे शादी का झांसा देकर संगठन के इंचार्ज पौलुस बारजो से मिलवाया।
पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बनाया
संदीप ने कहा कि 20 दिन पहले पौलुस बारजो ने मुझसे कहा कि अगर तुम ईसाई धर्म अपना लेते हो तो प्रभु तुम पर खुश हो जाएंगे और तुम्हारी शादी हो जाएगी। वे मुझे बहलाकर प्रेम नगर की नहर पर ले गए, जहां पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बना दिया। इसके बाद ये तीनों अन्य हिंदुओं को ईसाई धर्म में लाने के लिए मुझे प्रताड़ित करने लगे। जब मैं ज्यादा प्रताड़ित होने लगा तो पुलिस और विश्व हिंदू परिषद सहित कुछ अन्य लोगों को इनके बारे में बताया।
2003 में एफएमपीबी संगठन से जुड़ा मुख्य आरोपी
पौलुस बारजो ने बताया- वह झारखंड के गांव कटिंगगेल का रहने वाला है। वह 1995 में हिंदू से ईसाई बना था। उसने बताया कि बड़े भाई ने भी ईसाई धर्म अपनाया है। ईसाई बनने के बाद वह 2003 में चेन्नई के एफएमपीबी संगठन से जुड़ा। इसके लिए उसका इंटरव्यू हुआ। संगठन ने उसे ट्रेनिंग के लिए झांसी भेज दिया। एक साल की ट्रेनिंग के बाद उसे सबसे पहले राजस्थान के सीकर जिले में भेजा गया।
2008 में वह अनूपगढ़ आया और 2016 तक रहा। इसके बाद वह अन्य राज्यों में चला गया। 2022 में वह फिर अनूपगढ़ आया। अभी वह विनोद के घर रह रहा था।
हर साल 20 लोगों को ईसाई बनाने का टारगेट
संगठन ने हर साल 20 लोगों को कन्वर्ट करने का टारगेट दे रखा है। इसके लिए संगठन उसे 9 हजार रुपए महीने सैलरी और भत्ते देता है। किराया, खाना, सत्संग, आने-जाने का खर्च, बच्चों की स्कूल फीस संगठन ही देता है।
वह गरीब, असहाय या किसी बीमारी से ग्रसित हिंदू परिवारों से मिलता है और उन्हें कन्वर्ट करने के लिए उनका ब्रेनवॉश करता। अब तक उसने 454 लोगों को कन्वर्ट किया है। ये सभी लोग हिंदू थे।
यहां पर उसके अलावा श्यामलाल और सुरजीत नाम के दो लोग हैं, जो धर्मांतरण करवाते हैं। टारगेट पूरा करने के लिए तीनों ने अनूपगढ़ और आस-पास के गांवों में सहयोगी छोड़ रखे हैं। जिनका पूर्व में धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
चर्च निर्माण के लिए जमीन खरीदी
संगठन की ओर से दो पीजीएम और 36 जीबी में चर्च बनाया जाना है। जिसके लिए लोगों से सहयोग लिया जा रहा है। चर्च के लिए विनोद कुमार ने साढ़े 3 लाख रुपए दिए हैं। इसके के लिए जमीन खरीद चुके हैं।