डिप्टी बैंक मैनेजर की मिलीभगत से 12.8 करोड़ की साइबर ठगी, मास्टरमाइंड फरार

पल पल राजस्थान

बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिले के यस बैंक के डिप्टी मैनेजर और पूर्व बैंक कर्मचारी ने मिलकर देशभर में करीब 12.8 करोड़ रुपए की साइबर ठगी को अंजाम दिया। इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड फिलहाल फरार है।

पुलिस ने इस मामले में बैंक के डिप्टी मैनेजर मेगनेश जैन और पूर्व कर्मचारी दिव्यांशु सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मास्टरमाइंड अमन कलाल की तलाश में टीमें गठित कर दी गई हैं।

बांसवाड़ा के डीएसपी गोपीचंद मीणा के अनुसार, आरोपी अमन ने पहले बैंक के अस्थायी कर्मचारी दिव्यांशु को अपने साथ जोड़ा, और फिर डिप्टी मैनेजर मेगनेश को भी ठगी की इस गैंग में शामिल कर लिया।

ये लोग पहले से मौजूद इनएक्टिव बैंक खातों को सक्रिय करते और डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश, और क्रिप्टो ट्रेडिंग जैसे झूठे झांसे देकर लोगों से पैसे ठगते थे। ठगे गए पैसे को इन खातों में डलवाया जाता, फिर फर्जी चेक और सिग्नेचर के जरिए विड्रॉल कर लिया जाता था।

डीएसपी ने बताया कि यह गैंग देश के कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु समेत 11 राज्यों के लोगों से ठगी कर चुकी है। अब तक 44 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।

ठगी के बाद अधिकतर पैसा हवाला चैनल के जरिए दुबई भेजा गया। मास्टरमाइंड अमन और उसकी पत्नी पिछले महीने दुबई भी गए थे, जिससे इस कनेक्शन की पुष्टि और मजबूत होती है।

साइबर ठग कैसे करते थे लोगों को टारगेट –

ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग, मानव तस्करी में नाम जुड़ने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर पैसे वसूले जाते

शेयर और क्रिप्टो में डबल रिटर्न का झांसा

फर्जी टेलीग्राम ग्रुप, नौकरी और पार्ट टाइम जॉब ऑफर के जरिए ठगी

क्यूआर कोड स्कैन कराकर रुपए ट्रांसफर कराना

अब तक पुलिस ने 11 संदिग्ध खाताधारकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनके खातों से देशभर के लोगों को ठगा गया। कई खाताधारक दिव्यांशु की पहचान के थे, जिनके खाते वह “काम पूरा करने” के नाम पर खुलवाता और फिर चेकबुक व एटीएम खुद रख लेता।

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