जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा की अभिनव पहल पर चूरू जिले में शुरू ‘कोड चूरू’ कार्यक्रम में इनरोल ‘मंयक शर्मा व लक्ष्मी जांगिड़’ का आईआईटी मद्रास में हुआ चयन

चूरू, 28 नवंबर। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा की अभिनव पहल पर चूरू जिले में शुरू ‘कोड चूरू’ कार्यक्रम में जिले के राजकीय विद्यालयों में कोडिंग व कम्प्यूटर आधारित तकनीकी प्रशिक्षण से जिले में शैक्षिक क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। कोड चूरू कार्यक्रम में इनरोल जिले के ‘मंयक शर्मा व लक्ष्मी जांगिड़’ का आईआईटी मद्रास में चयन हुआ है।
इस उपलब्धि पर जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल जिले के लिए गौरवपूर्ण है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन मिलने पर हमारी प्रतिभाएं को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि दोनों विद्यार्थियों ने मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय के साथ यह उपलब्धि प्राप्त की है। कोड चूरू कार्यक्रम में तकनीकी प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक, प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस की मूलभूत समझ विकसित करने का अवसर मिला।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कोड चूरू कार्यक्रम में रूचि रखने वाले जिले के अन्य  विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है जो तकनीकी क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं। हमारा प्रयास है कि कार्यक्रम से जिले के लिए तकनीकी क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खुलें।

उल्लेखनीय है कि राजकीय विद्यालय में पढ़ रहे दोनों विद्यार्थियों का प्रतिष्ठित आईआईटी  मद्रास में बीएस इन डाटा साइंस व प्रोग्रामिंग कार्यक्रम में प्रवेश परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है। विद्यार्थी लक्ष्मी जांगिड़ वर्तमान में जिले के राउमावि रामदेवरा में कला वर्ग 12 वीं में अध्ययनरत है और मयंक शर्मा ने वर्ष 2025 में राउमावि सिरसला से कला वर्ग में 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। कोड चूरू की टीम अब जिले के लिए मीटिंग मैनेजमेंट, स्कूल में लाइब्रेरी मैनेजमेंट व विभिन्न वेबसाइट व तकनीकी पहलुओं पर काम कर रही है।

कोड चूरू कार्यक्रम ने दी नई दिशा
सिरसला के रहने वाले मयंक बातचीत के दौरान बताया कि कोड चूरू कार्यक्रम ने उन्हें नई दिशा दी है। कोड चूरू कार्यक्रम से जुड़ने से पहले उन्होंने एनडीए में चयन का लक्ष्य बना रखा था। फिर कोड चूरू कार्यक्रम से जुड़ने से उन्हें तकनीकी क्षेत्र के प्रति रूचि बढ़ी और विशिरूट जानकारी मिलने से उन्होंने सॉफ्टवेयर डवलपिंग व तकनीकी क्षेत्र में काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें कोड चूरू कार्यक्रम में जिला कलक्टर द्वारा लैपटॉप दिया गया, जिससे उन्हें नियमित अध्ययन व प्रयास में काफी सहयोग मिला।
उन्होंने 23 नवंबर, 2025 को प्रवेश परीक्षा दी और उनका चयन आईआईटी मद्रास में हुआ है। अब सॉफ्टवेयर डवलपर के रूप में पहचान बनाना उनका लक्ष्य है।

पहले कॉलेज प्रोफेसर बनना था, अब एआई इंजीनियर की चाह
रामदेवरा की रहने वाली लक्ष्मी जांगिड़ से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोड चूरू कार्यक्रम से जुड़ने से पहले उन्हें कॉलेज प्रोफेसर बनना था, लेकिन कोड चूरू कार्यक्रम से जुड़ने के बाद उनकी कम्प्यूटर व तकनीकी क्षेत्र में रूचि बढ़ी और तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए काफी अवसरों की जानकारी भी मिली। जिला कलक्टर द्वारा उन्हें लैपटॉप भी दिया गया और कोड चूरू टीम ने उन्हें करियर संभावनाओं व तकनीकी के बारे में बेहतरीन जानकारी दी। उन्होंने 26 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया और उनका आईआईटी मद्रास में चयन हुआ है। अब एआई इंजीनियर बनना उनका सपना है।

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