
यूडीए की कार्यशैली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जिसने यह साबित कर दिया है कि उसकी कार्रवाई राजनीतिक दबाव और शिकायतकर्ता की पहुँच पर निर्भर करती है। जहां चार दिन पहले भाजपा के नेताओं द्वारा यूडीएच मंत्री से की गई शिकायतों के बाद यूडीए ने आरके सर्किल पर कृषि भूमि पर बनी करीब 35 दुकानों को ताबड़तोड़ सील कर दिया, वहीं हिरण मगरी क्षेत्र में सामने आए एक बड़े मामले में यूडीए पिछले चार महीने से गहरी नींद में सोया हुआ है।
हिरण मगरी सेक्टर 4 स्थित न्यू विद्यानगर, राडा जी चौराहा पर तुलसीराम डांगी की कृषि भूमि पर कई बड़ी व्यावसायिक गतिविधियां धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं।

न्यू विद्यानगर के निवासियों ने करीब 4 महीने पहले यूडीए को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी कि इस कृषि भूमि पर बिना रूपान्तरण के ‘डग आउट’ के नाम से दो क्रिकेट अकादमी शेड और पोल लगाकर संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा, यहां देव ग्रुप पाइप इंडस्ट्रीज के नाम से फैक्ट्री, मायनी कैफ़े रेस्टोरेंट, देवनारायण कबाड़ी सेंटर के नाम से गोदाम, राधे कृष्णा दूध डेरी और भेरु भवानी बाइक रिपेयर की दो मंजिला बिल्डिंग में भी व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं।
कॉलोनी वासियों ने यूडीए को बताया था कि तुलसीराम डांगी इन सभी गतिविधियों को संचालित कर लाखों रुपए की किराए की आय अर्जित कर रहे हैं, जिससे कॉलोनी में आए दिन असामाजिक गतिविधियां, दुर्घटना और कई प्रकार के विवाद होते रहते हैं। उन्होंने इस पर जल्द कार्रवाई की मांग की थी।

जब यूडीए आरके सर्किल पर शिकायत मिलते ही 35 दुकानों पर ताला लगा देता है, तो हिरण मगरी में 4 महीने पुरानी शिकायत और इतने बड़े अवैध ‘मिनी-बाजार’ को क्यों अनदेखा किया जा रहा है? यूडीए की यह ‘चयनित कार्रवाई’ शहर में एक खतरनाक संदेश दे रही है कि कानून और नियम केवल कमजोरों और उन पर लागू होते हैं, जिनकी कोई राजनीतिक पहुंच नहीं होती। यूडीए को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए इस दोहरे मापदंड को तुरंत खत्म करते हुए हिरण मगरी के अवैध निर्माणों पर भी तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
