
उदयपुर । सलूंबर ज़िले के सेमारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इलाज के दौरान एक महिला की मौत के बाद उसका शव अस्पताल में ही रखवा दिया गया, जहां रातभर में चूहों ने शव को नोच डाला। जब परिजन अगले दिन शव लेने पहुंचे तो दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। बताया जा रहा है कि अस्पताल में मॉर्च्युरी की सुविधा नहीं है, जिसके चलते शव को पुरानी बिल्डिंग में रखा गया था।
सेमारी थाने के एएसआई दौलत सिंह ने बताया कि मृतक महिला के पति डूंगरलाल ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया कि 9 अक्टूबर को उसकी पत्नी नर्बदा खेत में दवाई का छिड़काव कर रही थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गई, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन जब परिवार के सदस्य महिला का शव लेने अस्पताल गए, तो देखा कि शव को चूहों ने नोच रखा था। उसको लेकर परिजन और गांव के सरपंच ने विरोध जताया।
घोड़ासर सरपंच राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि शुक्रवार को परिवारजन अस्पताल पहुंचे और पोस्टमॉर्टम का प्रोसेस पूरा होने के बाद महिला का शव लिया। जब परिवार के लोगों ने शव देखा तो नर्बदा के शव को चूहों ने नोच लिया था। महिला के शरीर के कई हिस्सों पर चूहों के काटने के निशान थे और उस पर कीड़े रेंग रहे थे।सरपंच ने कहा कि सेमारी के सीएचसी में मॉर्च्युरी नहीं होने से मृतक का शव पुरानी बिल्डिंग में रखा था, जिसकी वजह से ऐसी स्थिति हो गई।
सीएचसी प्रभारी- मना किया फिर भी शव रखना मजबूरी
सेमारी सीएचसी के डॉ. सतीश खराड़ी ने बताया कि इस सीएचसी में मॉर्च्युरी नहीं है। हमने पहले भी पुलिस को लिखित में दिया था कि यहां पर मॉर्च्युरी नहीं है, ऐसे में किसी भी हादसे में किसी की मौत के बाद उनके शव यहां नहीं रखवाए जाए। वहीं उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाता है, लेकिन कई परिजन यहां से शव को नहीं ले जाते हैं।
ग्रामीणों ने की मॉर्च्युरी की मांग
घोडासर सरपंच राजेंद्र कुमार मीणा, चंदौड़ा सरपंच लालूराम मीणा और पूर्व सरपंच कन्हैयालाल मीणा ने सलूंबर सीएमएचओ से सीएचसी के पुराने भवन की मरम्मत करवाने और मॉर्च्युरी बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 30 बेड वाले इस सीएचसी में एक ही डॉक्टर हैं और उनका पीजी में सलेक्शन होने पर वे भी जहां से जाने वाले हैं। मॉर्च्युरी नहीं होने से सलूंबर और सराड़ा भिजवा दिया जाता है, लेकिन मरीज की मौत के बाद शव यहीं रख देते हैं और बाद में ऐसी स्थिति हो जाती है।
