पल पल राजस्थान – हर्ष जैन
उदयपुर। फिल्म ‘दृष्यम’ और टीवी शो ‘क्राइम पेट्रोल’ से प्रेरित होकर एक युवक ने 70 वर्षीय वृद्ध महिला की हत्या कर, लूट के इरादे से उसकी लाश के टुकड़े कर जला दिया। पुलिस की तकनीकी व वैज्ञानिक जांच ने इस रहस्यमयी वारदात का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह सनसनीखेज मामला फतहनगर थाना क्षेत्र का है, जहाँ राजसमंद जिले के कुरज निवासी सुन्दरलाल ने अपनी मासी, चांदी बाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट 23 फरवरी 2025 को दर्ज कराई थी। इसके बाद 22 अप्रैल 2025 को संदेह के आधार पर हत्या और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच आईपीएस मनीष कुमार को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि चांदी बाई, जो ढोल बजाने का कार्य करती थीं, को आखिरी बार 22 फरवरी को उनके घर के पास देखा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक सिल्वर रंग की वैन में उन्हें एक व्यक्ति बैठाकर ले गया था। वैन की पहचान रमेश लोहार के नाम से हुई, जिस पूर्व में बलात्कार का मामला दर्ज है। रमेश लौहार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि जनवरी में अपने भाई के बारहवें के मौके पर उसने पहली बार चांदी बाई को गहनों से लदी देखा और वहीं से उसने हत्या और लूट की साजिश रची। 22 फरवरी को रमेश ने रातीजगे में ढोल बजवाने के बहाने चांदी बाई को बुलाया और अपनी वैन में बैठाकर चार घंटे तक घूमाता रहा। रात होने पर उसने लोहे के पाने से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद गहने लूटे, मोबाइल फेंका और शव को फतहनगर के डंपिंग यार्ड में ले जाकर पेट्रोल डालकर जला दिया। जली हुई हड्डियाँ में पुलिस ने जब्त किए। आरोपी के मोबाइल की यूट्यूब और गूगल हिस्ट्री में ‘दृष्यम’ फिल्म को कई बार देखना, “क्राइम के बाद पुलिस कैसे पकड़ती है?” जैसे सर्च देखे गए। उसने यह भी बताया कि “लाश नहीं तो केस नहीं” वाली सोच दृष्यम फिल्म से ली गई थी, इसलिए शव को जलाया और अवशेष अलग-अलग जगह फेंक दिए। “यह महज एक हत्या नहीं, बल्कि अपराधी की सिनेमाई चालाकी और पुलिस की तकनीक-फॉरेंसिक दक्षता के बीच संघर्ष था। डिजिटल सबूत, वैज्ञानिक अनुसंधान और डीएनए जांच ने साबित किया कि झूठ कितना भी परिष्कृत क्यों न हो, सच के सामने टिक नहीं सकता।”