भारतीय युवाओं को विदेशों में बना रहे साइबर गुलाम:जॉब का लालच देकर बुलाते, पासपोर्ट छीनकर बना रहे बंधक

राजस्थान पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक बेहद खतरनाक ट्रेंड साइबर स्लेवरी (साइबर गुलामी) को लेकर चेतावनी जारी की है। पढ़े-लिखे और तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं को विदेशों में आकर्षक नौकरियों का लालच देकर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में फंसाया जा रहा है, जहां पासपोर्ट छीनकर उन्हें बंधक बना जबरन साइबर ठगी के लिए मजबूर किया जा रहा है।

एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार सिंह ने बताया- भारतीय युवाओं को लाओस, म्यांमार और कंबोडिया जैसे देशों में आईटी सेक्टर में सुनहरे अवसर का झांसा देकर साइबर अपराधी फांस रहे है। जॉब का लालच देकर मोटी सैलरी बताकर विदेशों में युवाओं को भेज देते है।

एक बार जब ये युवा वहां पहुंच जाते है तो उनके पासपोर्ट व अन्य आईडी छीन लिए जाते है। शारीरिक व मानसिक रूप से बंधक बनाकर उन्हें साइबर गुलाम बना दिया जाता है। इसके बाद उनसे जबरन भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर ठगी करवाई जाती है।

भारतीय विदेश मंत्रालय और विभिन्न पुलिस एजेंसियां ऐसे अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट्स पर नकेल कसने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। राजस्थान पुलिस ने आमजन से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है और कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है। – केवल विदेश मंत्रालय (MEA) में पंजीकृत भर्ती एजेंटों द्वारा प्रसारित नौकरियों के लिए ही आवेदन करें। – किसी भी अवैध एजेंट या अपंजीकृत व्यक्ति की ओर से दिए जा रहे नौकरी के वादे या प्रलोभन से दूर रहें। – एमईए की आधिकारिक वेबसाइट https://www.mea.gov.in/images/attach/03-list-4-2024.pdf पर पंजीकृत एजेंटों की सूची देखकर यह सुनिश्चित करें कि आपको नौकरी का आश्वासन देने वाला एजेंट वैध है।

संदिग्ध लगने पर तुरंत करें रिपोर्ट यदि आपको ईमेल, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या फेसबुक पर कोई भी फर्जी लिंक, संदिग्ध नौकरी का ऑफर या असामान्य गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, 9256001930, 9257510100, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें। राजस्थान पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस धोखाधड़ी के बारे में जागरूक रहें और अपनी सतर्कता से स्वयं और दूसरों को सुरक्षित रखें।

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