कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी का तीखा हमला – “बेटियों की शादी मुसलमानों से करवाने की बात करने वालों का मुंह काला कर देना चाहिए”

राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री और डूंगरपुर जिले के प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने शनिवार को भारतीय मजदूर संघ के 71वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बिना नाम लिए भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) पर तीखा हमला बोला। लक्ष्मण ग्राउंड में आयोजित जनसभा में मंत्री ने आदिवासी समाज को गुमराह करने वालों के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि समाज की बेटियों और संस्कृति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

“बेटियों की शादी मुसलमानों से करवाने की बात करने वालों का मुंह काला कर देना चाहिए”

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री खराड़ी ने कहा, “एक कड़वी बात कहता हूं, वो कहते हैं कि हमारी बेटियों की शादी मुसलमानों से कराओ। क्या ऐसा करना चाहिए?” इस पर मौजूद महिलाओं ने ज़ोरदार आवाज़ में “नहीं” कहा।
मंत्री ने आगे कहा, “हमारी बेटी, जिसे हमने पाल पोसकर बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया, उसकी शादी मुसलमान से कर देंगे क्या? ऐसे लोगों का मुंह काला कर देना चाहिए और उन्हें गांव में घुसने तक नहीं देना चाहिए, तभी उन्हें सबक मिलेगा।”

“सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र हमारी संस्कृति का हिस्सा”

मंत्री ने बीएपी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं कि महिलाओं को मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए, गले में मंगलसूत्र नहीं पहनना चाहिए, बिंदी मत लगाओ। मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, “ये हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा हैं। इन प्रतीकों से पता चलता है कि महिला विवाहित है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग आदिवासी समाज को हिंदू धर्म से अलग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो सरासर समाज को तोड़ने वाली सोच है।

“बीएपी की भील प्रदेश की मांग के पीछे माओवाद और विदेशी एजेंडा”

कार्यक्रम के बाद सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में मंत्री खराड़ी ने एक बार फिर बीएपी सांसद राजकुमार रोत द्वारा संसद में उठाए गए “भील प्रदेश” के मुद्दे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जाति, भाषा और क्षेत्रवाद के नाम पर न तो कोई राज्य बना है, और न ही बनना चाहिए। यह देश को तोड़ने वाली सोच है।”
उन्होंने कहा, “भील प्रदेश का नक्शा जो दिखाया जा रहा है, वह माओवादियों और अंग्रेजों के जमाने का है, जिसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के हिस्से शामिल हैं। यह आंदोलन नहीं, एक एजेंडा है, जिसमें माओवाद और विदेशी ईसाई ताकतें सक्रिय हैं।”

“आदिवासी समाज के नाम पर राजनीतिक व्यापार”

मंत्री ने भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस पर भी हमला करते हुए कहा कि ये पार्टियां सिर्फ आदिवासी समाज के नाम पर राजनीति करती हैं। उन्होंने 2020 के कांकरी डूंगरी आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कहा कि “युवाओं को भड़काया गया, आंदोलन के नाम पर हिंसा हुई, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, लेकिन अब वही युवा कोर्ट और थानों के चक्कर काट रहे हैं।”

भारतीय मजदूर संघ की तारीफ

मंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की सराहना करते हुए कहा कि “यह देशभक्ति और सेवा की भावना से काम करने वाला संगठन है। अन्य यूनियन जहां हिंसा और तोड़फोड़ के रास्ते पर जाती हैं, वहीं भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रहित में शांतिपूर्वक कार्य करता है।”


राजनीतिक हलकों में बयान के मायने
मंत्री खराड़ी के इस तीखे बयान से आदिवासी राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आने वाले समय में बीएपी की ओर से पलटवार की संभावना है। लेकिन यह साफ है कि विधानसभा चुनावों से पहले आदिवासी बेल्ट में राजनीतिक बयानबाजी और ज्यादा गर्माएगी।

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