
भीलवाड़ा में इस बार गरबा महोत्सव में एंट्री लेने के लिए तिलक लगवाना होगा और आधार कार्ड दिखाना होगा। शहर की गरबा समितियों ने दूसरे समुदाय के लोगों की एंट्री इस बार बैन कर दी है। आयोजकों ने बताया कि गरबा महोत्सव स्थल पर गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव किया जाएगा। साथ ही महिलाओं से अपील की गई है कि वे जींस और टी-शर्ट की बजाय पारंपरिक परिधान पहनकर आएं। बजरंग दल के नेता ने दावा किया— इन प्रतिबंधों और पहल के जरिए लव जिहाद को रोका जा सकेगा।शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो चुके है। इस बार नवरात्रि 10 दिन के है। इसके साथ ही सोमवार से गरबा महोत्सव भी शुरू हो रहे है। इसे लेकर भीलवाड़ा में माता मंदिरों में भक्तिभाव के साथ विशेष तैयारी की गई है। गली, मोहल्लों और अनेक स्थानों पर नवरात्रि में मां के गरबा पंडाल भी सजाए गए हैं।
गरबा समितियों ने इस बार विशेष इंतजाम किए है। सभी गरबा पांडाल में इस बार दूसरे समुदाय के लोगों की एंट्री को पूरी तरीके से बैन करने का निर्णय लिया गया है। पांडाल में आने वाले हर व्यक्ति का आधार कार्ड चेक किया जाएगा। इसके साथ ही जो महिलाएं और युवतियां आएंगी उन्हें भी पारंपरिक परिधान में आने की हिदायत दी गई है।हिंदू संगठनों ने कई बार बैठकें की भीलवाड़ा शहर में इस बार करीब 60 से ज्यादा स्थानों पर गरबा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा शहर में 12 से ज्यादा ऐसे स्थान है, जहां पर 2-3 दिन डांडिया वर्कशॉप आयोजित की गई है। इन सभी आयोजन स्थल पर दूसरे समुदाय के लोगों की एंट्री को पूरी तरीके से बैन किया गया है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल समेत कई हिंदू संगठन जुटे हुए है। इन विशेष इंतजामों के लिए हिंदू संगठनों ने कई बार बैठकें भी की है। इन बैठकों में गरबा आयोजन समितियों के सदस्यों और पदाधिकारियों को बुलाकर यह निर्णय लिए गए है।
महिलाओं से लगातार की गई अपील
इन बैठकों के फैसलों को वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए शेयर किया जा रहा है। जिसमे बताया जा रहा है कि गरबा महोत्सव में दूसरे समुदाय की एंट्री बैन की गई है। साथ ही मातृशक्ति की टीमें भी महिलाओं से गरबा पांडाल में पारंपरिक परिधानों में आने की लगातार अपील कर रही है।
‘दूसरे समुदाय के लोग तलाशते है अवसर
इधर बजरंग दल के सह विभाग संयोजक आशीष दाधीच ने बताया कि भीलवाड़ा सहित प्रदेश और देशभर में लव जिहाद की घटनाएं काफी बढ़ रही है। दूसरे समुदाय के लोग ऐसे अवसर की तलाश करते है, गरबा पांडाल और उसके आसपास पहुंचते है। वहां आने वाली मां-बहनों के साथ में छेड़छाड़ की जाती है, उन्हें अलग-अलग लालच देकर फंसाया जाता है और लव जिहाद की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।
