पल पल राजस्थान / महावीर व्यास
भरतपुर. जिले के उद्योग नगर थाना में शुक्रवार सुबह 22 वर्षीय युवक गब्बर उर्फ बंटी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि युवक ने थाने के अंदर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन परिजनों ने इस दावे को खारिज करते हुए पुलिस पर हत्या कर शव को लटकाने का गंभीर आरोप लगाया है।

तीन दिन से थाने में था बंद, लड़की खुद घर आई थी
गब्बर पर नाबालिग लड़की को भगाने का आरोप था। 8 जुलाई को वह लड़की को लेकर स्वेच्छा से थाने पहुंचा था। उसके बड़े भाई लोकेश उर्फ भोला ने बताया कि गब्बर लड़की को लेकर पहले घर आया और फिर खुद उसे लेकर थाने पहुंचा। इसके बाद से वह लगातार थाने में हिरासत में था।
“आज सुबह दो पुलिसकर्मी घर आए और कहा कि गब्बर ने फांसी लगा ली है,” – लोकेश
परिजनों का आरोप है कि लड़की पक्ष से मिलीभगत और पैसों के लेन-देन के चलते पुलिस ने गब्बर को प्रताड़ित किया और उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि लड़की की मौजूदगी और स्वेच्छा से आने की बात होते हुए भी पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई।
थाने के बाहर धरना, शव अभी वहीं रखा है
घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए पुलिस की बैरिकेडिंग कर सड़क जाम किया गया। बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप से जाम हटाया गया, लेकिन परिजन अब भी थाने के बाहर डटे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
शव फिलहाल थाने में ही रखा गया है, और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
गब्बर का पारिवारिक परिचय
गब्बर पेशे से हेयर कटिंग का काम करता था। उसके पिता पप्पू सैनी और बड़ा भाई लोकेश भी मजदूरी करते हैं। परिवार बेहद साधनहीन स्थिति में है और अब न्याय के लिए प्रशासन की चौखट पर बैठा है।
प्रशासन के लिए एक और आग़ाज़ या चेतावनी?
पुलिस हिरासत में मौत का यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक निष्क्रियता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी पूछता है —
क्या कमजोर तबकों के लिए थाने इंसाफ के दरवाजे हैं या सज़ा का ठिकाना?