
ब्रिटेन में अहमदाबाद प्लेन क्रैश के पीड़ित 2 परिवारों ने दावा किया है कि उन्हें गलत शव सौंपे गए हैं। उनके वकील जेम्स हीली के मुताबिक, दोनों शवों का DNA उनके परिजन से मेल नहीं खा रहा।
ब्रिटेन के न्यूज पेपर डेली मेल की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। इसके मुताबिक, ब्रिटेन में रहने वाले एक परिवार ने अपने परिजन के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन जब DNA जांच में पता चला कि ताबूत में किसी और यात्री का शव है, तो उन्हें अंतिम संस्कार की योजना रद्द करनी पड़ी।
एअर इंडिया ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं, भारतीय विदश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मामला सामने आने के बाद हम ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि भारत में अफसरों ने प्रोटोकॉल के तहत ही मृतकों की पहचान की थी।
दरअसल, 13 शवों को ब्रिटेन भेजा गया था। 12 जून को प्लेन हादसे में 270 लोगों की मौत हुई थी। हादसे के वक्त विमान में 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत 242 पैसेंजर सवार थे।एअर इंडिया पर पहले मुआवजा बचाने का आरोप लगा था
इससे पहले ब्रिटेन की कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स ने आरोप लगाए थे कि एअर इंडिया ने मुआवजा देने से पहले परिवारों से कानूनी रूप से संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांगी, जिससे उनका हक कम हो सकता है। उधर, एअर इंडिया ने आरोपों को नकार दिया था।
स्टीवर्ट्स ने कहा था, एअर इंडिया इस तरह से व्यवहार कर लगभग 1,050 करोड़ रुपए बचाने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की है। वहीं, उन्होंने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे फॉर्म न भरें और मुआवजा पाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएं।
हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने पीड़ितों के परिवारों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी, जबकि एअर इंडिया ने 25 लाख रुपए की राहत देने का वादा किया था।