दूध के मूल्य फैट के आधार पर तय किए, दही, पनीर व घी के भावों का भी निर्धारण

The prices of milk were decided on the basis of fat, the prices of curd, cheese and ghee were also determined
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 उदयपुर। उदयपुर किसान दुग्ध एवं किराणा व्यापार संघ ने दूध की गुणवत्ता एवं मूल्यांकन के साथ ही राज्य सरकार द्वारा समान अनुदान राशि सीधे पशुपालकों को देने, पशुओं तथा पशु पालकों का बीमा करने तथा पशुपालक कल्याण के लिए निर्णय करने जैसी मांगों पर बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय किए हैं। साथ ही संघ ने अपने विस्तार क्षेत्र में दूध के मूल्य फैट के आधार पर तय किए है तथा दही, पनीर के भावों का भी नवीन निर्धारण किया है। 

संघ के अध्यक्ष विजय पटेल ने बताया कि किसान, पशुपालक और किराणा व्यापारी पूरी मेहनत करने के बाद आज भी संघर्ष कर रहे हैं। कहने में इनको सभी अन्नदाता कहते हैं, लेकिन जब ये ही अन्नदाता मौसम की मार व आपदा के वक्त मुसीबत में आ जाता है, तब कोई इनकी मदद को आगे नहीं आता। सरकार की ओर से भी फौरी कार्रवाई औ सर्वे का दिलासा देकर इतिश्री कर ली जाती है। 

पटेल ने बताया कि इसी को देखते हुए मेवल एवं छप्पन क्षेत्र के पटेल-राजपूत बंधुओं की उदयपुर किसान दुग्ध एवं किराणा व्यापार संघ के बैनर तले बैठक हुई जिसमें सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र में एकता सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। खास तौर से दूध की गुणवत्ता और मूल्यांकन को लेकर निर्णय किया गया है।

उदयपुर का दूध भारत की पहचान बने

श्री पटेल ने बताया कि हम असली और ताजा दूध को लेकर गंभीर है और यह चाहते हैं कि उदयपुर का दूध अपनी क्वालिटी के मामले में भारत की पहचान बने। हम मिलावटी दूध का समर्थन नहीं करते इसलिए संघ के सभी सदस्यों ने असली और गुणवत्ता पूर्ण दूध बेचने का फैसला किया है। मिलावटी दूध का व्यापार करने वाले लोगों को संघ की ओर से कोई समर्थन नहीं किया जाएगा। 

दुग्ध उत्पाद की दरें क्वालिटी के आधार पर 

श्री पटेल ने बताया कि संघ ने निर्णय कर दूध की दरें फैट के आधार पर तथा अन्य उत्पाद की दरें भी क्वालिटी के आधार पर निर्धारित की है। इसमें भैंस का दूध 1 फैट 40 रुपए लीटर, 2 फैट 45 रुपए, 3 फैट 50 रुपए, 4 फैट 56 रुपए, गाय का दूध 3 फैट 50 रुपए लीटर, 4 फैट 56 रुपए, 5 फैट 60 रुपए, 6 फैट 66 रुपए तथा 6.5 फैट 70 रुपए लीटर निर्धारित किया गया है। इनके अलावा दही 80 रुपए किलो, पनीर 360 रुपए किलो, क्रीम 400 रुपए किलो तथा भैंस का घी 800 रुपए किलो निर्धारित किया गया है। 

सरकार अनुदान राशि पशुपालकों के खाते में डाले

श्री पटेल ने बताया कि राज्य सरकार पशुपालकों को अनुदान राशि पांच रुपए प्रति लीटर दी जाती है। यह राशि सरकार पशुपालकों को नहीं देकर सरस को देती है। इस राशि का लाभ पशुपालकों को नहीं मिल रहा है। जो पशुपालक सरस से नहीं जुडे हुए हैं उनको तो यह लाभ मिल भी नहीं रहा है। इसलिए संघ की मांग है कि राज्य सरकार यह अनुदान राशि सीधे पशुपालकों को खाते में डाले और सरस से जुडे और प्राइवेट सभी पशुपालकों को इसका लाभ प्रदान करें। राजस्थान में रजिस्टर्ड पशु बीमा के माध्यम से और पशुओं की गणना के हिसाब से यह अनुदान तय किया जा सकता है। 

सभी पशुपालकों और पशुओं का 100 फीसदी बीमा हो

श्री पटेल ने बताया कि संघ ने मांग की है कि राज्य सरकार सभी पशुपालकों और उनके पशुओं का 100 फीसदी बीमा तय करें। वर्तमान में केवल वे ही पशुपालक और पशु बीमा की श्रेणी में है जो सरस से जुडे हुए हैं, जबकि इनके अलावा भी हजारो पशुपालक हैं। इसके अलावा मौसम की मार, दुर्घटना और आपदा के वक्त पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए पशुपालकों के लिए एक कल्याण बोर्ड भी बनाना चाहिए जो किसानों की परिस्थिति पर निगरानी रखे और उन्हें सहयोग करें। 

पशु आहार का मूल्य कम हो तथा निर्धारित हो

श्री पटेल ने बताया कि जो पशु आहार कुछ सालों पहले पशुपालक 500 रुपए में खरीदता था वह आज 1800 रुपए का हो गया है। इसकी वजह भी सरस है जिसने पशुआहार के भाव इतने ज्यादा कर दिए कि उनके देखा देखी बाजार में भी पशु आहार के भाव बढते गए। जब कोई सरकारी संस्था अपने दाम बढाती जाएगी तो उसके पीछे बाजार के व्यापारी भी सरकार का उदाहरण देकर अपने भाव बढाते जाएंगे। वार्ता में उपाध्यक्ष लिंबाराम पटेल, लालजी पटेल, महामंत्री पेमाराम पटेल तथा व्यापार प्रकोष्ठ के मेघराज पटेल भी उपस्थित थे। 

उत्तरप्रदेश सरकार की तर्ज पर सरकार करें सहयोग

उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने पशुपालकों के हित में कई योजनाएं चला रखी है। पशु खरीदने पर लोन में अनुदान, पशु बीमार होने पर सहायता, बडी आपदा के वक्त पशुपालकों को मदद तथाप्रति पशु एक हजार रुपए की सहायता जैसी योजनाए उत्तर प्रदेश में है जो राजस्थान सरकार को भी लागू करनी चाहिए।

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