
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन सफारी के दौरान एक भयानक हादसा होते-होते टल गया। सफारी बस जंगल के बीचों-बीच पहुंची ही थी कि अचानक उसमें से धुआं निकलने लगा, जिससे पूरे पार्क में अफरा-तफरी मच गई। बस जंगल के बीच उस हिस्से में थी, जहां आसपास शेर घूम रहे थे। इसलिए पर्यटकों के पास न तो उतरने की जगह थी और न ही इंतजार करने की गुंजाइश। धुआं भरते ही बस में सवार सैलानियों में दहशत फैल गई, लेकिन ड्राइवर और स्टाफ ने साहस दिखाया।
उन्होंने तुरंत वायरलेस से कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पहले पर्यटकों को समझाकर शांत कराया और फिर दूसरी बस को अंदर भेजकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। डेढ़ महीने में यह दूसरी बड़ी घटना है, जिसने सफारी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।दरअसल, रविवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लॉयन सफारी में 15 सैलानियों को लेकर एक बस जंगल में घुसी। थोड़ी देर बाद ही बस से धुआं उठने लगा। धुआं बढ़ता देख सैलानी घबरा उठे और बस में हंगामा मच गया। कुछ सैलानियों ने नीचे उतरने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रोक दिया गया क्योंकि उसी समय शेर ‘शक्ति’ पास ही घूम रहा था।
इससे सैलानियों का डर और बढ़ गया और वे मदद के लिए चिल्लाने लगे। ड्राइवर की सूचना पर वनकर्मी हड़बड़ा गए और रेंजर समेत टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने सैलानियों को बस से उतारकर रेस्क्यू वाहन में बैठाया और मुख्य द्वार तक सुरक्षित पहुंचाया। इसके बाद धुआं आग में बदल गया और बस जलने लगी। पार्क की दमकल से आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन नाकाम रहने पर आमेर से दमकल मंगाई गई। तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी।वन विभाग की प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। लेकिन इस घटना ने विभाग की लापरवाही को फिर से उजागर कर दिया। पहले हुए हादसों के बावजूद पार्क में फायर फाइटिंग सिस्टम का अभाव है, जबकि दो पुरानी बसें अभी भी चल रही हैं और विभाग चुप्पी साधे है।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि घटना में किसी भी पर्यटक को चोट नहीं आई है, न ही शेर या अन्य वन्य जीवों को कोई नुकसान पहुंचा है। बस को तकनीकी जांच के लिए बाहर निकाल लिया गया है। विभाग अब पूरी घटना की समीक्षा कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने। इसके साथ ही भविष्य में वाहनों की नियमित जांच और सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया जाएगा। ताकि सफारी पर जाने वाले पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित रह सकें।नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में डेढ़ महीने में यह दूसरी बड़ी लापरवाही है। इससे पहले अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में टाइगर सफारी में एक बस का टायर कीचड़ में फंस गया था। उस समय सैलानी फंस गए थे और टाइगर ‘गुलाब’ कुछ ही दूरी पर बैठा था, जिस पर सैलानियों ने कड़ा विरोध जताया था।
बतादें-नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर–दिल्ली राजमार्ग पर शहर से लगभग 12 किमी दूर बना है। जो 720 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहां एशियाई शेर, बंगाल टाइगर, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िये, हिरण, मगरमच्छ सहित लगभग 250 प्रजातियों के पक्षियों, जानवरों, सरीसृपों और कीड़ों को करीब से देखने का मौका मिलता है। पार्क सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है, जबकि लायन सफारी का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सीमित है।
मंगलवार को पार्क बंद रहता है। प्रवेश शुल्क भारतीय नागरिकों के लिए ₹50, छात्रों के लिए ₹30 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹200 तय है, जबकि 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश फ्री है। टिकट काउंटर से पार्क के गेट तक 2 किमी दूरी होने के कारण यदि वाहन से जाना हो तो कार के लिए लगभग ₹300 और बाइक के लिए ₹40–50 तक शुल्क देना पड़ता है।
