पल पल राजस्थान – हर्ष जैन
उदयपुर। राजस्थान की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास अब हमारे बीच नहीं रहीं। गुरुवार की शाम अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाली डॉ. गिरिजा व्यास का निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि समूचे मेवाड़ और प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति बनकर आया। उनकी यात्रा, जो सच्चे समर्पण और नारी सशक्तिकरण की मिसाल थी, अब केवल यादों में बसी रह गई है।
उनकी असामयिक विदाई ने सबको गहरे शोक में डुबो दिया। शुक्रवार रात उनके पार्थिव शरीर को उदयपुर स्थित उनके घर लाया गया। सुबह 10 बजे से 4 बजे तक उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। उनके प्रियजन, परिवार के सदस्य, और उनके सैकड़ों समर्थक अपनी आँखों में आंसू लिए, एक-एक पल को संजोने की कोशिश कर रहे थे। कई कार्यकर्ता और महिलाएं, जो उनकी प्रेरणा से संजीवनी पाई थीं, पूरी तरह से टूट गईं। उनके चेहरे पर दुख और ग़म की गहरी छाया थी, जो शब्दों से अधिक बोलती थी।
शाम 4 बजे, जब उनकी अंतिम यात्रा दैत्य मगरी से शुरू हुई, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘गिरिजा जी अमर रहें’ के नारों से वातावरण को गूंजित किया। यह यात्रा उनके निवास से अशोक नगर शमशान घाट तक गई, और रास्ते में जगह-जगह लोग खड़े थे, जो अपनी आँखों में आंसू और दिलों में ग़म लिए उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे। उन्हें देख कर लगता था जैसे समूचा उदयपुर एक पल के लिए ठहर सा गया हो, जैसे समय भी अपनी चाल रोक कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा हो।
अशोक नगर शमशान घाट पहुंचने पर, पूरे रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार हुआ। उनके भतीजे विवेक शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी, और यह दृश्य और भी भावुक कर गया। यह एक ऐसा पल था, जब सारा शहर और हर एक व्यक्ति अपनी ताकत को खोकर, सिर्फ डॉ. गिरिजा व्यास को विदाई दे रहा था।
डॉ. गिरिजा व्यास की बीमारी ने हमें उनके शरीर से विदाई दी, लेकिन उनका जीवन और कार्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। उनके समर्पण और संघर्ष ने न केवल कांग्रेस को, बल्कि हर व्यक्ति को सिखाया कि अपनी माटी, अपने लोगों और समाज के लिए कैसे जीना चाहिए। गणगौर पूजा के दौरान 90 प्रतिशत जलने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। एक योद्धा की तरह, उन्होंने जीवन की अंतिम लड़ाई भी बहादुरी से लड़ी, लेकिन अफसोस कि वे इस लड़ाई को नहीं जीत पाईं।
उनके निधन से राजस्थान के प्रत्येक व्यक्ति को गहरा धक्का लगा है। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनके अंतिम दर्शन के लिए प्रदेश के प्रमुख नेता, जैसे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, और अन्य कई सम्मानित हस्तियां भी पहुंचे। भाजपा के नेता प्रमोद सामर, जिला कलेक्टर नमित मेहता और एसपी योगेश गोयल सहित समाज के सभी वर्गों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. गिरिजा व्यास का जीवन संघर्षों, उम्मीदों और दृढ़ निश्चय से भरा हुआ था। वह हमेशा हमें दिखाती रहेंगी कि सच्चे नेतृत्व का मतलब केवल पद और प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाना है।