पल पल राजस्थान – हर्ष जैन
उदयपुर। धार्मिक आस्था और भक्ति के पर्व निर्जला एकादशी के दिन उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब देवस्थान विभाग द्वारा मंदिर परिसर में एक दान पत्र लगाया गया। इस कदम का विरोध करते हुए पुजारी परिषद के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और अधिकारियों को कड़ी आपत्तियाँ जताईं। जानकारी के अनुसार, देवस्थान विभाग ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से धार्मिक कार्यों के लिए दान लेने के उद्देश्य से यह दान पत्र लगाया था। लेकिन पुजारी परिषद का कहना है कि इस तरह का निर्णय बिना परामर्श और पारंपरिक रीति-रिवाजों की अनदेखी करके लिया गया है, जिससे मंदिर की परंपरा और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
गुस्साए पुजारियों ने मंदिर परिसर में नारेबाजी की और देवस्थान विभाग के अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई। उनका आरोप था कि मंदिर संचालन में पुजारियों की भूमिका की अनदेखी की जा रही है और बाहरी हस्तक्षेप से धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़ रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही देवस्थान विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि समाचार लिखे जाने तक पुजारी परिषद अपनी मांगों पर अड़ी हुई है और दान पत्र को हटाने की मांग कर रही है। इस विवाद के चलते निर्जला एकादशी के विशेष आयोजनों की आस्था पर भी असर पड़ा, हालांकि श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे और दर्शन-पूजन किए। देवस्थान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दान पत्र श्रद्धालुओं की स्वेच्छा से दान देने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लगाया गया है और किसी भी परंपरा को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विभाग पुजारियों से संवाद कर समाधान निकालने के पक्ष में है।