
राजगढ़ (ब्यावरा): दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजगढ़ के ब्यावरा से कामरान कुरैशी को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि कामरान भारत के भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के वीडियो देखकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ। उसकी ब्रेन वॉशिंग जाकिर नाइक के वीडियो के ज़रिए ही हुई। कामरान ने कबूल किया है कि वह ‘गजवा-ए-हिंद’ के लिए कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले वॉट्सएप ग्रुप के ज़रिए असरार दानिश के संपर्क में आया था। असरार दानिश पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर चल रहे एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का सरगना है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कामरान को दानिश ने पैसे देकर सदस्य बनाने और कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने के लिए कहा था। कामरान और दानिश आतंक से जुड़ी ट्रेनिंग एक्टिविटी शुरू करने के लिए ज़मीन खरीदने की योजना भी बना रहे थे।
पूरे पैन इंडिया टेरर मॉड्यूल का खुलासा:
यह गिरफ्तारी बुधवार को हुई, जब दिल्ली पुलिस ने कामरान सहित 5 आतंकियों को गिरफ्तार कर एक पैन इंडिया टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। ये आतंकी त्योहारों से पहले किसी बड़े शहर में बम धमाके करने की फिराक में थे। गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ जारी है।
जकिर नाइक और अन्य कट्टरपंथियों के वीडियो का प्रभाव:
कामरान ने स्वीकार किया है कि वॉट्सएप ग्रुप में तारिक मसूद, तारिक जमील और जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी मौलवियों के वीडियो चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए शेयर किए जाते थे।
पिता ने कहा- बेटा तो जमात में जाता था:
कामरान के पिता अब्दुल रशीद ने कहा कि उनका बेटा ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। वह कभी मैकेनिक की दुकान पर हाथ बंटाता था, तो कभी एक वकील के यहां 4-5 हजार रुपये वेतन पर काम करता था। उन्होंने बताया कि कामरान कुछ समय से जमात के संपर्क में आया था और कई बार 40-40 दिन तक वहां रहता था, लेकिन वहां सिर्फ अल्लाह के बारे में बातें होती थीं, कोई गलत शिक्षा नहीं दी जाती थी।
अब्दुल रशीद ने कहा, “अगर मेरा बेटा गलत कामों में लिप्त होता तो हमसे पैसे क्यों मांगता? वह कभी-कभी कहता था कि 100 रुपये दे दो क्योंकि समय पर तनख्वाह नहीं मिली। उसे जाल बिछाकर फंसाया गया है।”
पुलिस की कार्रवाई और परिजनों की आशंका:
दिल्ली पुलिस की टीम 10 सितंबर की सुबह 5:30 बजे ब्यावरा की शहीद कॉलोनी स्थित कामरान के घर पहुंची। परिवार के मुताबिक, मुंह ढंके हुए लोग अचानक घर में घुसे, दरवाज़ा लात मारकर खोला और कामरान को बिस्तर से उठाकर उसका मोबाइल छीन लिया। पिता का मोबाइल भी ले लिया गया, लेकिन बाद में लौटा दिया गया। घर में रखी धार्मिक किताबें भी उठा ली गईं।
पुलिस के जाने के बाद, कामरान के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से बेटे के अपहरण की आशंका जताई थी। दिनभर पुलिस कामरान की तलाश में जुटी रही। सीसीटीवी फुटेज से तीन गाड़ियों के गुजरने की पुष्टि होने के बाद पुलिस को शक हुआ कि यह कार्रवाई किसी जांच एजेंसी की है। शाम करीब 7 बजे दिल्ली पुलिस की टीम सिटी थाने पहुंची और विधिवत कामरान की गिरफ्तारी दर्ज की।
पारिवारिक स्थिति:
कामरान के पिता ने बताया कि उनका बड़ा बेटा दिव्यांग है, बेटियों की शादी हो चुकी है, जिनमें से एक का तलाक हो गया है और वह उनके साथ रहती है। वह खुद भी घुटनों और कमर की तकलीफ से परेशान हैं। कामरान उनका छोटा बेटा था, जिसने 12वीं तक पढ़ाई की थी। उसकी शादी के लिए लड़की देखी थी और रिश्ता तय होने वाला था, लेकिन इस घटना ने सब कुछ रोक दिया।