पीबीएम अस्पताल में चौंकाने वाली लापरवाही

बच्चे के पैर के प्लास्टर में छूट गया सर्जिकल ब्लेड

जयपुर/बीकानेर। राज्य में चिकित्सकीय लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला बीकानेर स्थित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार पीबीएम अस्पताल से सामने आया है, जहां एक बच्चे के पैर में प्लास्टर करते समय सर्जिकल ब्लेड अंदर ही छूट गई। एक्स-रे में ब्लेड दिखाई देने के बाद परिजनों में आक्रोश फैल गया।

पीड़ित बच्चा उवेश रजा है। परिजनों के अनुसार प्लास्टर कराने के बाद बच्चे को लगातार तेज दर्द हो रहा था और वह पैर हिला भी नहीं पा रहा था। जब शिकायत की गई तो शुरुआत में डॉक्टरों ने इसे सामान्य दर्द बताकर टाल दिया। संदेह होने पर परिजनों ने खुद एक्स-रे करवाया, जिसमें प्लास्टर के अंदर सर्जिकल ब्लेड साफ नजर आई।

समय रहते खुला मामला

परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते एक्स-रे नहीं कराया जाता तो बच्चे को नसों में गंभीर नुकसान, संक्रमण या स्थायी विकलांगता का खतरा हो सकता था। घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन और संबंधित चिकित्सकों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

राजस्थान में इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। कोटा के एमबीएस अस्पताल में सड़क हादसे में घायल युवक के हाथ में प्लास्टर के दौरान सर्जिकल ब्लेड छूट गई थी, जो सात दिन बाद एक्स-रे में सामने आई। वहीं जयपुर के एक निजी अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद मरीज के शरीर में कैंची छूटने का मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना था।

बाड़मेर और कुचामन के प्रकरण

बाड़मेर में गलत तरीके से लगाए गए कच्चे प्लास्टर से एक बच्चे का हाथ खराब हो गया, जिस पर कोर्ट ने चिकित्सकीय लापरवाही मानते हुए मुआवजा दिलाया। कुचामन सिटी में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में गॉज छोड़े जाने का मामला भी हाल ही में उजागर हुआ।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टर या ऑपरेशन के बाद असामान्य दर्द, सूजन या परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए, ताकि समय रहते किसी गंभीर लापरवाही का पता चल सके।

Spread the love