पल पल राजस्थान / पवन वैष्णव

आमेट)। तेरापंथ भवन आमेट में विराजित युगप्रधान आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी सम्यक प्रभा ठाणा 4 के सानिध्य में तपस्वी उमा हिरण के 11 उपवास की तपस्या पूर्ण होने पर भावपूर्ण तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी सम्यक प्रभा द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। उन्होंने तप की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैन दर्शन में तपस्या आत्मा की शुद्धि और कर्मों की निर्जरा का सशक्त माध्यम है। जैसे मक्खन को तपाकर घी बनाया जाता है, वैसे ही आत्मा को तपाकर शुद्ध किया जा सकता है।
साध्वी मलय प्रभा ने कहा कि मोक्ष मार्ग में “सम्यक तप” एक अनिवार्य स्तंभ है। तपस्वी उमा हिरण ने अपने मनोबल, संकल्प और आंतरिक शक्ति का परिचय देकर समाज को प्रेरणा दी है।
इस अवसर पर तप अनुमोदन में सभा सहमंत्री अशोक पितलिया, तेयुप सदस्य पवन कच्छारा, महिला मंडल अध्यक्ष मंजू हिरण, हेमा भंडारी, सज्जन मेहता, मनीषा छाजेड़, सोनाली कोठारी, किंजल हिरण, अनीता श्रीमाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
किंजल हिरण ने गीतिका व संभाषण के माध्यम से तपस्वी का अभिनंदन किया। शांताबाई हिरण व किंजल हिरण द्वारा सास-बहू के परस्पर सम्मान की अनूठी प्रस्तुति ने सभा में भावनात्मक माहौल बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति अध्यक्ष रेणु छाजेड़ ने किया और स्थानीय सभा सामायिक कीट द्वारा तपस्वी का सम्मान किया गया।
श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक ध्वनि के साथ हर्षोल्लासपूर्वक तप अनुमोदन किया।
कार्यक्रम की जानकारी जेटीएन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने साझा की।