पल पल राजस्थान / महावीर व्यास
उदयपुर – एक अनजान शहर में जीवन-मरण की घड़ी में जब एक मातृशक्ति को रक्त की आवश्यकता पड़ी और उनके साथ कोई सक्षम रक्तदाता परिजन नहीं था, तब परिवारजन घबरा गए। लेकिन इस संकट की घड़ी में रक्तदाता युवा वाहिनी ने एक बार फिर मानवीय सेवा की मिसाल पेश की।
जैसे ही परिजनों ने जालौर के रक्तसेवकों के माध्यम से संस्था से संपर्क किया, संस्था ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए शहर के रक्तदाताओं से अपील की। इस अपील पर सबसे पहले 60 किलोमीटर दूर सनवाड़ से रक्तसेवक नरेंद्र आचार्य का फोन आया। उन्होंने बताया कि वे निर्जला एकादशी जैसे पुण्य अवसर पर रक्तदान करके सेवा और पुण्य दोनों लाभ लेना चाहते हैं। समूह ने तुरंत सहमति दी और नरेंद्र जी ने भीषण गर्मी की परवाह किए बिना गीताांजलि ब्लड बैंक पहुँच कर रक्तदान कर दिया।
अनजान मातृशक्ति के लिए प्रीति बाबेल, अशोक सिंह देवड़ा, विजय यादव, प्रकाश जांगिड़ जैसे सेवाभावी रक्तदाताओं ने भी तत्परता दिखाई। इसी तरह GBH हॉस्पिटल बेड़वास में भर्ती एक अन्य मातृशक्ति के लिए विजय सिंह चूंडावत और दरबार सिंह चौहान ने भी तुरंत ब्लड बैंक पहुँच कर अपना अमूल्य योगदान दिया।
रक्तदाता युवा वाहिनी समूह इन समर्पित रक्तदाताओं का दिल से आभार प्रकट करता है। इन निःस्वार्थ रक्तदाताओं के सेवा भाव से ही संस्था निरंतर ज़रूरतमंदों की सेवा कर पा रही है।