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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मां को मृतक बेटे की संपत्ति और बीमा राशि में बराबर का हकदार माना है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मृतक की पत्नी और बेटे के साथ उसकी मां भी संपत्ति और बीमा राशि की एक-तिहाई हिस्सेदार है।
यह फैसला जस्टिस गणेशराम मीणा की एकलपीठ ने हेमलता शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनाया।
कोर्ट ने आदेश दिया कि मृतक आनंद दाधीच की 1.07 करोड़ रुपये की बीमा राशि में से मां को 35.92 लाख रुपये दिए जाएं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि बेटा, पत्नी और मां – तीनों का इस संपत्ति पर समान अधिकार है।
याचिकाकर्ता के वकील संपत्ति शर्मा के अनुसार, सेशन कोर्ट ने पहले मां को सिर्फ गैर-नॉमिनेटेड संपत्तियों में हिस्सा देने की बात कही थी।
इस आदेश को चुनौती देते हुए हेमलता शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में तर्क दिया गया था कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के तहत मां को बेटे की संपत्ति में समान अधिकार है।
कोर्ट ने इस बात को मानते हुए कहा कि नॉमिनेशन सिर्फ प्रबंधन का अधिकार देता है, स्वामित्व का नहीं।
कोर्ट ने एलआईसी और अन्य निजी बीमा कंपनियों को आदेश दिया है कि यदि मृतक की किसी भी पॉलिसी का क्लेम अभी लंबित है, तो उसमें भी मां को एक-तिहाई हिस्सा दिया जाए।