पल पल राजस्थान
उदयपुर। उदयपुर शहर के महाराणा भूपाल अस्पताल परिसर से एक ऐसी दर्दनाक खबर सामने आई जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर कर रख दिया। अस्पताल के पीछे झाड़ियों में दो नवजात शिशुओं के शव मिले, जिन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति ने जन्म के तुरंत बाद मरने के लिए छोड़ दिया था। हाथीपोल थाने के एएसआई मनोज, एएसआई दलपत सिंह और कांस्टेबल मुकेश कुमार को सूचना मिली कि परिसर में कुछ जानवर झाड़ियों में कुछ खींचते नजर आए। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां दो मासूमों के क्षत-विक्षत शव पड़े मिले। ऐसा अनुमान है कि जन्म के तुरंत बाद शिशुओं को वहां फेंक दिया गया, जिन्हें जानवरों ने नोच डाला। मासूमों के कोई परिजन सामने नहीं आए, ऐसे में पुलिस ने इंसानियत की डोर थामते हुए बैकुंठ धाम सेवा संस्थान को इसकी सूचना दी। संस्थान के सदस्यों ने न केवल दोनों नवजातों का पोस्टमार्टम करवाया, बल्कि उन्हें पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अशोक नगर मोक्षधाम में अंतिम विदाई दी। बैकुंठ धाम सेवा संस्थान के मांगीलाल सुथार, गोठु मेघवाल और नंदराज भारती ने सेवा भावना के साथ सहयोग किया। एक सवाल जो हर किसी के मन में कौंधता रहा — “क्या इन मासूमों का दोष सिर्फ इतना था कि वे इस दुनिया में आए? यह घटना समाज को आईना दिखा गई… जहां एक तरफ ममता की मिसालें दी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कोई उन्हें झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ जाता है।