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Rajsamand News राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र में प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बैकफुट पर आना पड़ा। यह पूरा मामला नंदावट गांव का है, जहां विधायक हरि सिंह रावत के भतीजे मदन सिंह के विरोध के चलते प्रशासन को जेसीबी रोकनी पड़ी।
क्या है पूरा मामला?
विधानसभा में विधायक हरि सिंह रावत ने अतिक्रमण हटाने का मुद्दा जोरशोर से उठाया था, जिसके बाद मंत्री के जवाब के आधार पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। लेकिन जब नंदावट गांव में अतिक्रमण हटाने की बारी आई, तो विधायक के ही भतीजे मदन सिंह प्रशासन के सामने खड़े हो गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे।
प्रशासन बैकफुट पर क्यों आया?
प्रशासनिक अधिकारियों, जिनमें एसडीएम और पुलिस उपाधीक्षक भी शामिल थे, ने कार्रवाई को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन विधायक भतीजे के विरोध के सामने वे असहाय नजर आए। मदन सिंह जेसीबी के आगे खड़े हो गए, जिसके बाद प्रशासन ने खानापूर्ति करते हुए वापस लौटने में ही भलाई समझी।
विरोध और राजनीति गरमाई
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि विधायक के भतीजे के विरोध के आगे प्रशासन झुक गया। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं ने भी विधायक हरि सिंह रावत को घेरा है। कुछ नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें सदन में सवाल उठाने से पहले अपने घर में पूछ लेना चाहिए था।
बड़ा सवाल: कौन ज्यादा ताकतवर—प्रशासन या विधायक का परिवार?
अब इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि जब खुद विधायक ने अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, तो उनके परिवार के ही सदस्य ने उसे क्यों रोका? क्या विधायक का भतीजा प्रशासन और राजस्व मंत्री से भी ज्यादा प्रभावशाली है? या फिर यह प्रशासन की कमजोरी है कि वह राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं कर सका?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। देखना होगा कि क्या इस मामले में कोई ठोस कदम उठाया जाता है या फिर यह मामला भी राजनीतिक रस्साकशी में उलझकर रह जाएगा।