


जब भी मीडिया शब्द सुनाई देता है, तो आमतौर पर लोगों के ज़हन में समाचार, ग्राउंड रिपोर्टिंग, लाइव कवरेज और प्रेस कॉन्फ्रेंस जैसे दृश्य उभरते हैं। लेकिन मीडिया केवल सूचना का माध्यम भर नहीं है, यह समाज का दर्पण और एक ज़िम्मेदार स्तंभ भी है, जो ज़रूरत के समय सामाजिक सरोकारों की मिसाल पेश करता है। इसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के दौरान देखने को मिला। इस भीषण हादसे के बाद जहां प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत दल सक्रिय थे, वहीं GTPL मीडिया ग्रुप के पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने भी ज़मीनी स्तर पर एक सच्चे नागरिक की भूमिका निभाई। ये पत्रकार केवल कैमरे और माइक लेकर घटनास्थल पर नहीं पहुंचे, बल्कि वहां मौजूद राहत और बचाव दलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया। मीडिया कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ घटनाओं की कवरेज की, बल्कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने, राहत सामग्री उपलब्ध कराने और भीड़ को व्यवस्थित करने जैसे कार्यों में भी सक्रिय सहयोग दिया। कई जगहों पर इन्होंने पुलिस और प्रशासन को जानकारी देकर राहत कार्यों को तेज करने में भी योगदान दिया।यह पहल साबित करती है कि मीडिया केवल घटनाओं को दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि जब ज़रूरत होती है, तो वह समाज के लिए फील्ड वर्कर भी बनता है। GTPL जैसे मीडिया समूह के यह प्रयास सामाजिक जिम्मेदारी का अद्भुत उदाहरण हैं, जिसे सराहा जाना चाहिए। मीडिया का यह मानवीय चेहरा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज के अन्य वर्गों के लिए भी अनुकरणीय बनता है।