पल पल राजस्थान
जालोर। जालोर में पति ने पत्नी और उसके प्रेमी को घर में मिलते पकड़ लिया तो दोनों ने मिलकर पति की हत्या कर दी। आरोपी प्रेमी ने पति के सिर में लाठी से वार किया, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद बेहोशी की हालत में उसे पॉइजन खिलाया और फंदे से लटकाकर मार दिया।
इसके बाद पत्नी भागते हुए देवर के पास गई और कहा कि पति ने सुसाइड कर लिया है। भाई दौड़कर मौके पर पहुंचे तो शव फंदे से लटका था और सिर के पिछले हिस्से से खून बह रहा था। परिजनों ने सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार शव को दफना दिया।
अंतिम संस्कार के बाद पंचों के सामने पत्नी से पूछताछ हुई तो उसने प्रेमी संग मिलकर हत्या की बात कबूल कर ली। इसके बाद परिजनों ने पत्नी और प्रेमी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। मामला बागोड़ा थाना इलाके का है।
कलेक्टर के आदेश पर दफन शव को बाहर निकालेंगे
थानाधिकारी हुकमाराम ने बताया- दूदाराम (35) निवासी बागोड़ा ने रिपोर्ट देकर बताया- उसकी भाभी माफी देवी (25) और प्रेमी सांवलाराम (28) ने मिलकर उसके बड़े भाई नरसाराम (45) की हत्या की। इसके बाद उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फंदे पर लटका दिया।
हुकमाराम ने बताया- लिखित रिपोर्ट दर्ज करते हुए मामले की जानकारी एसपी ज्ञानचंद्र यादव को भेजी गई है। अब कलेक्टर और एसपी के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद जब भी आदेश होगा, दफनाए गए शव को बाहर निकालकर मेडिकल बोर्ड से शव पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। नरसाराम की पत्नी माफी और उसके प्रेमी सांवलाराम से पूछताछ की जा रही है।
भाभी भागते हुए आई, बोली- आपके भाई ने सुसाइड कर लिया
दूदा राम ने रिपोर्ट में बताया- हम तीन भाई नरसाराम, नारणाराम और मैं बागोड़ा में ही खेत में बने मकानों में आसपास ही रहते हैं। 25 मई की रात 11 से 12 बजे के बीच भाभी माफी भागते हुए मेरे पास आई और कहा कि आपके बड़े भाई नरसाराम ने कमरे में फंदा लगा लिया है। उनके शरीर में कोई हलचल नहीं है। भाभी बदहवास हालत में थी।
शव फंदे से लटका था, सिर के पिछले हिस्से से खून निकल रहा था
दूदाराम ने बताया- मैं और भाई नारणाराम भागते हुए बड़े भाई के घर पहुंचे तो उसकी गर्दन में रस्सी बंधी हुई थी और शरीर जमीन पर लटका हुआ था। हमने भाई को रस्सी से नीचे उतारा और देखा तो उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। उनके सिर के पिछले हिस्से से खून बह रहा था। उस वक्त हमने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद रात भर शव को लेकर बैठे रहे और सुबह समाज के लोगों को बुलाया।