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जयपुर। देश की सुरक्षा तैयारियों के तहत अब राजस्थान के 28 शहरों में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर मंगलवार, 7 मई को इन शहरों में हवाई हमले के अलर्ट सायरन बजेंगे और फिर आधे घंटे का ब्लैकआउट किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य है—युद्धकालीन स्थितियों में आमजन की तैयारियों को परखना।
राजस्थान के कोटा, रावतभाटा, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर सहित 28 शहरों में कल रात मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही पूरे शहर में ब्लैकआउट कर दिया जाएगा। सभी लाइटें बुझा दी जाएंगी और लोग घरों में रहने के निर्देशों का पालन करेंगे।
केंद्र सरकार ने सिविल डिफेंस के तहत देशभर के शहरों को तीन श्रेणियों में बाँटा है। राजस्थान के कोटा और रावतभाटा को सबसे संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इसकी वजह है—रावतभाटा का न्यूक्लियर पावर प्लांट और यूरेनियम की उपस्थिति, और कोटा का पास होना, जहाँ थर्मल पावर प्लांट भी स्थित है।
वहीं जयपुर सहित 18 शहरों को कम संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनमें कई ऐसे शहर हैं जहाँ सेना, वायुसेना और सामरिक महत्व की संस्थान मौजूद हैं। सबसे कम संवेदनशील श्रेणी में 8 शहर शामिल हैं, लेकिन उन शहरों में भी मॉक ड्रिल पूरी सख्ती से की जाएगी।
जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में सायरन की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। श्रीगंगानगर में सुरक्षा को देखते हुए ड्रोन उड़ाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। सरहदी इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि ऐसी सुरक्षा तैयारियाँ उन्होंने पिछली बार 1971 के युद्ध के समय देखी थीं।
यह मॉक ड्रिल महज अभ्यास है, लेकिन इससे युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों का आकलन होगा। प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि यह अभ्यास पूरी तरह सफल हो सके।