lakhan sharma @ pal pal rajasthan

मेवाड़ में अच्छी बारिश की कामना को लेकर मंगलवार को उदयपुर शहर में एक अनोखी और पारंपरिक रस्म निभाई गई। भोई समाज की महिलाओं ने पिछोला झील से गंदा पानी मटकों में भरकर शहर की दुकानों और मंदिरों के बाहर मटके फोड़े।
यह परंपरा वर्षों से निभाई जा रही है। महिलाएं घर से पुरानी मटकियां लेकर पिछोला घाट पहुंचती हैं, वहां पूजा-अर्चना करने के बाद झील का गंदा पानी भरती हैं। इसके बाद सबसे पहले जगदीश मंदिर के बाहर मटका फोड़ा जाता है, फिर भोईवाड़ा तक जितने भी मंदिर और दुकानें रास्ते में आती हैं, उनके बाहर मटके फोड़े जाते हैं।
मान्यता है कि इस हरकत से राह चलते लोग जो भी अपशब्द बोलते हैं, वे सीधे इंद्रदेव तक पहुंचते हैं। इससे इंद्रदेव नाराज़ होते हैं और फिर बारिश होती है। यही वजह है कि इस परंपरा को आज भी बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाया जाता है।
भोई समाज की महिलाओं का मानना है कि यह आस्था और अनुभव का प्रतीक है, और वर्षों से यह परंपरा अच्छी बारिश की शुरुआत का संदेश बन चुकी है।