दो ट्रकों में ठूंस-ठूंसकर भरे थे 80 बेजुबान, रस्सियों से बंधे थे पैर

उदयपुर/सलूंबर। राजस्थान की सड़कों पर क्रूरता का जो खौफनाक खेल चल रहा था, उस पर सलूंबर पुलिस ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए दो ट्रकों को दबोच लिया है। गींगला थाना पुलिस ने अंधेरी रात में गश्त के दौरान करावली से आ रहे उन दो मौत के कंटेनरों को रोका, जिनमें 80 भैंसों और पाड़ों को इतनी बेरहमी से ठूंसा गया था कि उनकी चीखें भी बाहर नहीं आ पा रही थीं।
पुलिस की इस दबिश ने न केवल पशु तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, बल्कि उन बेजुबानों को भी नई जिंदगी दी है जो बिना चारा-पानी के कत्लगाह की ओर ले जाए जा रहे थे। थानाधिकारी धर्मेंद्र सिंह बाघेला की टीम ने जब ट्रकों की तलाशी ली तो मंजर देख कलेजा कांप गया। तस्करों ने ट्रकों के भीतर डबल पार्टीशन बनाकर पशुओं को किसी निर्जीव सामान की तरह ठूंस रखा था। इन बेजुबानों के पैर रस्सियों से इतनी मजबूती से बंधे थे कि वे हिल भी नहीं पा रहे थे। जब पुलिस ने घेराबंदी की, तो एक ट्रक का ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर दिनेश बंजारा और उसके साथी को दबोच लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन बेजुबानों को समोड़ा से जयपुर की मंडी में खपाने की तैयारी थी, लेकिन तस्करों के पास न तो कोई वैध कागज था और न ही इंसानियत।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत दोनों ट्रकों को जब्त कर लिया और सभी 80 पशुओं को ईडाणा माता गोशाला भिजवाया। वहां न केवल उनके लिए चारा-पानी का इंतजाम किया गया, बल्कि डॉक्टरों की टीम बुलाकर उनका मेडिकल चेकअप भी कराया गया। गिरफ्तार आरोपियों से अब कड़ाई से पूछताछ की जा रही है ताकि इस काले कारोबार की जड़ तक पहुंचा जा सके। इलाके के लोगों ने पुलिस की इस मुस्तैदी की जमकर तारीफ की है, क्योंकि अगर ये ट्रक निकल जाते, तो शायद इन बेजुबानों का सफर किसी कत्लगाह पर ही खत्म होता।
