डॉ. इक़बाल सक्का ने बनाई विश्व की सबसे छोटी तिरंगा शिवलिंग, कांवड़ कलश और नागराज

उदयपुर के विश्वविख्यात स्वर्ण कलाकार डॉ. इक़बाल सक्का ने एक अनूठी मिसाल पेश

पल पल राजस्थान/ महावीर व्यास

उदयपुर। सावन के पवित्र माह में जहां देशभर में शिवभक्त कांवड़ यात्रा में जुटे हैं, वहीं उदयपुर के विश्वविख्यात स्वर्ण कलाकार डॉ. इक़बाल सक्का ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सक्का ने सोने से बनी विश्व की सबसे सूक्ष्म तिरंगा शिवलिंग, कांवड़ कलश और नागराज तैयार कर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया है।

डॉ. सक्का ने बताया कि यह कलाकृतियाँ राई के दाने से भी छोटी हैं और इन्हें केवल माइक्रो लेंस से ही देखा जा सकता है। कांवड़ कलश में बाकायदा एक कतरा गंगाजल भी भरा गया है। इनका वजन इतना हल्का है कि धर्म कांटे पर भी माप नहीं हो सका

कलाकृतियों को तैयार करने में उन्हें तीन दिन का समय लगा। उनका कहना है कि वे इन दुर्लभ रचनाओं को हरिद्वार के ‘धरती लोक’ स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भेंट करना चाहते हैं। इस उद्देश्य से उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर अनुमति और सहयोग की मांग की है।

👉 कलाकार बोले:

“मैंने ये कलाकृतियाँ देश में एकता, शांति और आपसी प्रेम के प्रतीक के रूप में बनाई हैं। यह मेरा सौभाग्य होगा कि मैं इन्हें शिवभक्तों की नगरी हरिद्वार में भेंट कर सकूं।”

📌 गौरतलब है कि डॉ. इक़बाल सक्का 100 से अधिक विश्व रिकॉर्ड के धनी हैं और उन्हें सूक्ष्मतम स्तर पर सोने की कारीगरी के लिए जाना जाता है।

हरिद्वार के शिव मंदिर में करेंगे भेंट, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

उदयपुर। सावन के पवित्र माह में जहां देशभर में शिवभक्त कांवड़ यात्रा में जुटे हैं, वहीं उदयपुर के विश्वविख्यात स्वर्ण कलाकार डॉ. इक़बाल सक्का ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सक्का ने सोने से बनी विश्व की सबसे सूक्ष्म तिरंगा शिवलिंग, कांवड़ कलश और नागराज तैयार कर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया है।

डॉ. सक्का ने बताया कि यह कलाकृतियाँ राई के दाने से भी छोटी हैं और इन्हें केवल माइक्रो लेंस से ही देखा जा सकता है। कांवड़ कलश में बाकायदा एक कतरा गंगाजल भी भरा गया है। इनका वजन इतना हल्का है कि धर्म कांटे पर भी माप नहीं हो सका

कलाकृतियों को तैयार करने में उन्हें तीन दिन का समय लगा। उनका कहना है कि वे इन दुर्लभ रचनाओं को हरिद्वार के ‘धरती लोक’ स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भेंट करना चाहते हैं। इस उद्देश्य से उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर अनुमति और सहयोग की मांग की है।

“मैंने ये कलाकृतियाँ देश में एकता, शांति और आपसी प्रेम के प्रतीक के रूप में बनाई हैं। यह मेरा सौभाग्य होगा कि मैं इन्हें शिवभक्तों की नगरी हरिद्वार में भेंट कर सकूं।”

गौरतलब है कि डॉ. इक़बाल सक्का 100 से अधिक विश्व रिकॉर्ड के धनी हैं और उन्हें सूक्ष्मतम स्तर पर सोने की कारीगरी के लिए जाना जाता है।

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