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भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की 6 महीने में 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है। यह निर्णय वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए अपनी उधारी योजना के तहत लिया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार इस वित्त वर्ष में कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का बाजार उधारी उठाएगी, जिसमें 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाना इस वित्त वर्ष के बाजार उधारी का 54 प्रतिशत होगा। सरकार 8 लाख करोड़ रुपये का यह कर्ज 26 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से जुटाएगी, जिनमें सिक्योरिटीज 3 से लेकर 50 वर्षों की अवधि में परिपक्व होंगी।
तो यह 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज किस तरह से जुटाया जाएगा? इस कर्ज के लिए सरकार सिक्योरिटी बॉन्ड्स जारी करेगी, जो 3 से लेकर 50 साल तक की अवधि में परिपक्व होंगे। यानी अप्रैल से सितंबर तक सरकार इन बॉन्ड्स के जरिए 8 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखेगी।
यह कर्ज मुख्य रूप से सरकार की राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए लिया जा रहा है, ताकि वित्तीय घाटे को कम किया जा सके। सरकार का कहना है कि इस कर्ज का उपयोग विभिन्न योजनाओं और कल्याणकारी कार्यों के लिए किया जाएगा, जो आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में मददगार साबित होंगे।
हालांकि, इस कर्ज को लेकर कुछ चिंता भी व्यक्त की जा रही है, खासकर कर्ज की चुकौती और ब्याज के बोझ को लेकर। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह कर्ज अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर न डाले और उसे समय पर चुकाया जा सके।