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Rajasthan News राजस्थान में शिक्षा विभाग ने एक नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत अब सिर्फ छात्रों की नहीं, बल्कि शिक्षकों की भी परीक्षा होगी। अब स्टूडेंट्स के सेशनल मार्क्स (सत्रांक) के आधार पर शिक्षा विभाग उनके शिक्षकों का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगा। यह नई नीति तब लागू होगी जब किसी शिक्षक द्वारा दिए गए 100% सेशनल मार्क्स के बावजूद, छात्रों के रिटन टेस्ट में 50% से कम अंक आते हैं। ऐसी स्थिति में, शिक्षा विभाग संबंधित शिक्षक के खिलाफ जांच शुरू करेगा और एक्शन लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूलों में स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले सेशनल मार्क्स उनके फाइनल रिजल्ट का हिस्सा बनते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी शिक्षक ने एक छात्र को 20 में से 20 सेशनल मार्क्स दिए, तो छात्र को सिर्फ 80 में से 13 अंक ही पास होने के लिए चाहिए। इसका मतलब है कि बिना ज्यादा मेहनत के भी छात्र परीक्षा पास कर सकता है।
मंत्री ने शिक्षकों से अपील की कि वे अपनी शिक्षण विधियों को बेहतर बनाएं और छात्रों को उनके पूर्ण क्षमताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करें, ताकि वे अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
मंत्री ने यह भी कहा कि स्कूलों में छात्रों की प्रदर्शन निगरानी अधिक सख्ती से की जाएगी और टीचर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे छात्रों की पढ़ाई में पूरी तरह से ध्यान दें।
यह कदम शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जो आने वाले समय में छात्रों के प्रदर्शन को सुधारने में मदद कर सकता है। हालांकि, कुछ शिक्षकों का मानना है कि इससे उनके ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है।