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जयपुर। राजस्थान में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म कर दी गई है। एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में तीन साल की सजा पाए कंवरलाल अब विधानसभा के सदस्य नहीं रहे। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकीलों की कानूनी राय के आधार पर यह निर्णय लिया। कंवरलाल की सदस्यता 1 मई 2025 से प्रभावी रूप से समाप्त मानी जाएगी। इसके साथ ही अंता विधानसभा सीट अब रिक्त हो गई है, जिससे विधानसभा में विधायकों की संख्या घटकर 199 हो गई है।
गौरतलब है कि एसडीएम को धमकाने और पिस्टल तानने के मामले में अदालत ने कंवरलाल मीणा को 3 साल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक की याचिका भी खारिज हो गई। इसके बाद 21 मई को उन्होंने अकलेरा कोर्ट में सरेंडर किया और अब वह जेल में हैं।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी भाजपा को घेरा। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर लिखा – ‘कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद तक भी सदस्यता रद्द नहीं की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने पक्षपात किया लेकिन अंततः जीत सत्य की हुई।’
स्पीकर देवनानी ने आज ही मिली कानूनी राय के आधार पर फैसला लिया। कानूनी सलाह में कहा गया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक नहीं लगती, तब तक सदस्यता बहाल नहीं रह सकती। लिहाजा, सदस्यता खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
अब सवाल उठ रहा है कि अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे या नहीं। इसका फैसला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित कंवरलाल मीणा की रिव्यू पिटीशन पर निर्भर करेगा। फिलहाल, राजनीतिक गलियारों में यह फैसला एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है।