हाईकोर्ट ने लगाई रोक, बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के नहीं तोड़ सकेंगे मकान

पल पल राजस्थान

Ajmer News ब्यावर जिले के बिजयनगर रेप-ब्लैकमेल कांड मामले में हाईकोर्ट ने आरोपियों के मकान और अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाई है। हाईकोर्ट ने यथास्थिति (रोक) के आदेश दिए हैं। जस्टिस महेंद्र गोयल की कोर्ट ने यह आदेश शाकिर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। वहीं मामले में बुधवार रात एक और आरोपी अमान मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी लड़कियों से दोस्ती कर उन्हें अन्य आरोपियों से मिलवाता था। मामले में अब तक कुल 14 आरोपी पकड़ जा चुके हैं, जिसमें 3 नाबालिग हैं। दरअसल, रेप-ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के घर पर नगर पालिका ने नोटिस दिए थे। नोटिस में कहा गया था कि नोटिस पाने वाले अपने कागजात लेकर हाजिर हो जाएं। कागजात पूरे नहीं होने पर निर्माण को अतिक्रमण मानकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इस पर शाकिर और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जस्टिस महेंद्र गोयल की अदालत में याचिकाकर्ताओं के वकील सैयद सआदत अली ने बहस करते हुए कहा कि जिन्हें नोटिस दिया गया है, वो आरोपी नहीं हैं। वहीं जो इस मामले में आरोपी है, उनके नाम से कोई प्रॉपर्टी नहीं है। वकील ने कहा- बिना प्रॉपर्टी सील किए हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जा सकती हैं। इसके साथ ही नोटिस देने में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की भी पालना नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट ने यथास्थिति (रोक) के आदेश दिए। जमेर रेंज डीआईजी ओमप्रकाश के निर्देशन में एडिशनल एसपी नेमसिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। SIT के इंचार्ज एडिशनल एसपी नेमसिंह ने बताया- बिजयनगर मामले को लेकर बुधवार देर रात को एसआईटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा- केस की अच्छे से इन्वेस्टिगेशन करवाकर जो भी सबूत होंगे, उन्हें लेकर आगे की जांच की जाएगी। SIT टीम में एडिशनल एसपी ब्यावर, मसूदा सीओ, दो थाना अधिकारी, एक सब इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है। टीम पीड़िताओं और उनके परिजनों से वापस बातचीत कर जांच करेगी।

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