पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत पर आज सुनवाई, ईडी ने किया विरोध

पल पल राजस्थान

जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित जल जीवन मिशन घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत याचिका पर आज ईडी मामलों की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से जोशी को जमानत न देने की मांग की गई।

ईडी के वकील अजातशत्रु ने अदालत में जोरदार दलीलें पेश करते हुए कहा —

“महेश जोशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं। आरोप गंभीर और प्रमाणित हैं। अगर उन्हें जमानत दी गई तो इससे पूरे केस की जांच पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।”

इससे पहले 27 मई को महेश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने बहस की थी। उन्होंने तर्क दिया था किईडी ने जिस एसीबी केस को आधार बनाकर प्राथमिकी दर्ज की, उसमें जोशी का नाम तक नहीं था। जिस लेन-देन की बात की जा रही है, वह जुलाई 2023 में उनके बेटे की कंपनी को लोन के रूप में हुआ, और कुछ महीनों में वह पैसा वापस कर दिया गया। ईडी ने एक साल बाद मार्च 2024 में समन भेजा, जिसका सभी दस्तावेजों सहित जवाब भी भेजा गया था, लेकिन फिर भी जोशी को 24 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया। जोशी की ओर से यह भी कहा गया कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के तहत फंसाया जा रहा है। अब गुरुवार को उनके वकील ईडी की दलीलों का जवाब पेश करेंगे।

जेजेएम घोटाले की पृष्ठभूमि
यह घोटाला केंद्र सरकार की ‘हर घर जल’ योजना — जल जीवन मिशन से जुड़ा हुआ है। इस घोटाले में अब तक पीयूष जैन, पदम चंद जैन, महेश मित्तल और संजय बड़ाया जैसे बड़े नामों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जांच में सामने आया कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपये के टेंडर हासिल किए।

श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लिया, जिनमें से 31 में एल-1 बनकर 859.2 करोड़ के टेंडर जीते। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 टेंडरों में हिस्सा लेकर 73 में जीत हासिल की और 120.25 करोड़ के टेंडर हथियाए।

जब घोटाले की परतें खुलीं, तो एसीबी ने जांच शुरू की, कई भ्रष्ट अधिकारियों को दबोचा, और फिर ईडी ने मामले में एंट्री लेते हुए महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित कई ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद 3 मई 2024 को सीबीआई ने भी केस दर्ज कर लिया। ईडी ने 4 मई को अपनी जांच पूरी कर सबूत और दस्तावेज एसीबी को सौंपे।

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