पल पल राजस्थान
जयपुर। राजस्थान की सियासत में आज हलचल मच गई है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने आज तड़के छापा मारा। जयपुर के अशोक नगर स्थित उनके आवास पर यह कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू हुई। और इसके बाद से प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है।
यह रेड देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट घोटालों में से एक PACL केस से जुड़ी है — जिसमें करीब 48 हज़ार करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
ED की टीमें देशभर में 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही हैं, और प्रताप सिंह खाचरियावास का घर इनमें शामिल है।
सुबह 5 बजे जब जयपुर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, तभी ED की टीमें खाचरियावास के घर पर दस्तक देती हैं।
यह मामला PACL यानी पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड से जुड़ा है — जिस पर देशभर में करोड़ों लोगों के साथ ठगी का आरोप है।
ED की माने तो PACL के घोटाले का पैसा प्रताप सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर हुआ।
इसमें करीब 30 करोड़ रुपए की भागीदारी की बात कही जा रही है। यह पैसा रियल एस्टेट और अन्य सेक्टर्स में लगाया गया।
रेड की खबर फैलते ही खाचरियावास के समर्थक सिविल लाइंस स्थित आवास के बाहर जुट गए और सरकार के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन शुरू हो गया।
नारे लगे – ‘BJP हाय-हाय’, ‘ED वापिस जाओ’। इसी दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच झड़प भी हुई।
हालात बिगड़ते देख, ED ने जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉज जोसफ और DCP साउथ दिगंत आनंद से बात की।
इसके बाद तीन थानों की फोर्स मौके पर भेजी गई और स्थिति को काबू में किया गया।
जो BJP के खिलाफ बोलता है, उसके घर ED भेज दी जाती है। मुझे पहले से पता था कि अगर बोलूंगा, तो एक दिन ED आएगी। लेकिन मैं तैयार हूं। मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है, मुझे सबका इलाज करना आता है।
खाचरियावास यहीं नहीं रुके। उन्होंने BJP को खुली चुनौती देते हुए कहा कि सरकारें बदलती हैं, और आज जो कर रहे हो, कल तुम्हारे साथ भी यही होगा। उन्होंने ये तक कह दिया – अगर मेरे घर पर कोई गोली चलाएगा, तो मैं भी उसके घर पर गोली चलाऊंगा।
उन्होंने कहा कि अब इस लड़ाई का जवाब सड़कों पर दिया जाएगा।”
ED की छापेमारी फिलहाल जारी है। PACL की संपत्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एक विशेष कमेटी गठित की थी, जिसके मुताबिक कंपनी के पास 1.86 लाख करोड़ की संपत्ति है।
अब देखना होगा कि ED की जांच में क्या-क्या खुलासे होते हैं और इस राजनीतिक भूचाल का अगला झटका किसे लगता है।
