पल पल राजस्थान | Harsh Jain
Udaipur News उदयपुर जिले के सायरा थाना क्षेत्र के पुनावली गांव के मादरेचो का गुड़ा में एक करुणामयी दृश्य सामने आया। खेड़ा देवी मंदिर के पीछे, एक खेत में, शराब की दुकान के पास जब एक नवजात की रोने की आवाज गूंजी, तो वहां काम कर रहे लोगों के कदम ठिठक गए। हिम्मत जुटाकर जब कुछ लोग आवाज की दिशा में बढ़े, तो जो नजारा देखा, उसने सभी की आंखें नम कर दीं। धूल-मिट्टी से सना, ठंड में कांपता, नाजुक-सा नवजात शिशु वहाँ पड़ा हुआ था। न कोई चादर, न कोई सुरक्षा—बस एक मासूम जान, जिसे निर्दयता से इस दुनिया के हवाले कर दिया गया था। गांव की महिलाओं और अन्य लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए तुरंत एम्बुलेंस को सूचना दी। मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने नवजात को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को संभाला। राहत की बात यह रही कि अब बच्चा खतरे से बाहर है। लेकिन एक सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है—आखिर वह निर्दयी माँ कौन थी, जिसने अपने ही कलेजे के टुकड़े को इस हालत में छोड़ दिया? क्या हालात ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया? क्या वह समाज से डरी हुई थी? या फिर यह किसी नाजायज रिश्ते की देन थी, जिसे छिपाने के लिए नवजात को त्याग दिया गया? कारण चाहे जो भी हो, परंतु एक मासूम की जिंदगी को खतरे में डालना किसी भी तरह से माफ करने योग्य नहीं।