घर में सो रही नाबालिग से दरिंदगी की कोशिश, ग्रामीणों ने चप्पलों से पूजा कर पुलिस को सौंपा

भीलवाड़ा/मांडल । सेवा और चंदे की आड़ में छिपे दो भेड़ियों ने भीलवाड़ा की धरती को शर्मसार कर दिया है। मांडल थाना इलाके के एक गांव में एनजीओ (NGO) का नाम लेकर घर-घर घूमने वाले दो युवकों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं। चंदा मांगने के बहाने एक घर में दाखिल हुए इन दरिंदों ने वहां अकेली और सो रही नाबालिग बच्ची को अपनी हवस का निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन इन पापियों को शायद अंदाजा नहीं था कि ग्रामीणों का गुस्सा इनके लिए काल बनकर टूटने वाला है। घटना के बाद जब मासूम रोती-बिलखती घर से बाहर आई, तो गांव वालों का खून खौल उठा और उन्होंने बीच सड़क पर ही इन ‘सफेदपोश’ तस्करों का वो हश्र किया कि इनकी रूह कांप गई।
पीड़िता के पिता ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि मंगलवार को जब घर के बड़े सदस्य बाहर थे, तभी इन दो युवकों ने दरवाजा खटखटाया। जैसे ही मासूम ने दरवाजा खोला, ये दोनों जबरन घर के अंदर घुस गए और नाबालिग के साथ छेड़छाड़ व अश्लील हरकतें करने लगे। दहशत में डूबी बच्ची ने जब शोर मचाया और रोते हुए बाहर की तरफ भागी, तब जाकर परिजनों और पड़ोसियों को इस घिनौनी करतूत का पता चला। फिर क्या था, पूरे गांव ने घेराबंदी कर दोनों को धर दबोचा और पुलिस के आने से पहले ही उनकी जमकर ‘खातिरदारी’ कर दी। लात-घूंसों की बरसात के बीच आरोपी अपनी जान की भीख मांगते रहे, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें पुलिस के हवाले करने से पहले भागने का कोई मौका नहीं दिया।
मांडल थाना पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक्शन लिया और आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर पॉक्सो (POCSO) एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। गांव में इस वक्त तनाव और भारी गुस्सा है, लोग इन दरिंदों को फांसी जैसी सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि चंदे के नाम पर चल रहे इस एनजीओ के फर्जीवाड़े की भी जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मासूम को जल्द से जल्द न्याय मिले। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर अनजान लोगों पर भरोसा करना कितना जानलेवा साबित हो सकता है।
