
उदयपुर/मावली। छोटे से गांव सवानिया की बेटी हिमानी श्रीमाली ने राजस्थान की राजनीति के केंद्र, विधानसभा में अपनी ओजस्वी आवाज से सबको चौंका दिया। राजस्थान विधानसभा में आयोजित युवा संसद में नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर आज जब हिमानी उदयपुर लौटीं, तो रेलवे स्टेशन से लेकर उनके गांव तक जबरदस्त और भव्य स्वागत किया गया।
मावली तहसील के सवानिया गांव की रहने वाली कक्षा 12वीं की छात्रा हिमानी श्रीमाली ने युवा संसद के मंच का इस्तेमाल किशोर-किशोरियों से जुड़े अति-संवेदनशील मुद्दों को उठाने के लिए किया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए हिमानी ने कोचिंग दबाव और शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा वार किया।
हिमानी ने बेबाकी से कहा था कि “राजस्थान कोचिंग हब है, यह गर्व की बात है, लेकिन गर्व तभी है जब तक हमारे बच्चों की जान सुरक्षित है। कोचिंग के दबाव के कारण बच्चों में एंग्जाइटी डिसऑर्डर बढ़ रहा है।” उन्होंने विपक्ष की भूमिका निभाते हुए ठोस सुझाव भी दिए, जिसमें स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट और करियर परामर्शदाताओं की नियुक्ति की मांग प्रमुख थी।
लेकिन हिमानी ने खेलकूद को बढ़ावा देने के सरकारी दावों पर सबसे बड़ा सवाल उठाया जिसने उन्हें खूब सुर्खियां दिलाईं। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि “स्कूलों के टाइम टेबल में खेलकूद का पीरियड ही नहीं है, तो बच्चों का शारीरिक विकास कैसे होगा?”
जिला स्तरीय प्रबल कार्यक्रम के तहत चयनित हुई हिमानी के उदयपुर पहुंचने पर श्रीमाली मेवाड़ समाज और ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। रेलवे स्टेशन पर समाज के अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने और उनके पिता अशोक श्रीमाली तथा नाना कुंदन लाल श्रीमाली ने माला पहनाकर अभिनंदन किया। इसके बाद जब हिमानी अपने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लोपड़ा पहुंचीं, तो स्कूल स्टाफ और ग्रामीणों ने उन्हें पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया और उनकी हौसला अफजाई की।
हिमानी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों, प्रधानाचार्य और माता-पिता को दिया। उदयपुर की इस बेटी ने साबित कर दिया कि छोटे गांव की प्रतिभाएं भी बड़े मंच पर देश का भविष्य तय करने वाले सवाल उठा सकती हैं।
