
आयकर विभाग की टीम ने भीलवाड़ा में एक बड़े हवाला और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। इस मामले में, एक स्थानीय एनजीओ के ज़रिए राजनीतिक पार्टियों के चंदे और काले धन को सफेद करने का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया है। जांच के दौरान, मुंबई फिल्म सिटी से 50 करोड़ रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन सहित कुल 400 करोड़ रुपए से ज़्यादा के विदेशी लेनदेन का खुलासा हुआ है। यह कार्रवाई भीलवाड़ा के एक कांग्रेस नेता और कुछ अन्य लोगों पर केंद्रित है।
कैसे काम करता था यह रैकेट?
आयकर विभाग को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) से मिली जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की गई। भीलवाड़ा में ब्रजमोहन सपूत कला संस्थान नाम का एक एनजीओ इस पूरे फर्जीवाड़े का केंद्र था। यह एनजीओ कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश पानेरी, भूपेंद्र खारोल और इरफान नीलगर द्वारा चलाया जा रहा था।
जांच में पता चला कि ये लोग कंपनियों से डोनेशन के नाम पर पैसे लेते थे। फिर, उस पैसे को कमीशन लेकर बोगस (फर्जी) अकाउंट्स के ज़रिए अलग-अलग कंपनियों और विदेशों में ट्रांसफर करते थे।
मुंबई से 50 करोड़ का संदिग्ध लेन-देन
यह एनजीओ खासतौर पर मुंबई फिल्म सिटी से मिले 50 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन को लेकर सवालों के घेरे में है। अधिकारियों का मानना है कि यह राशि फर्जी डोनेशन के रूप में दिखाई गई और फिर इसे काले धन को सफेद करने के लिए इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा, मथुरा में रजिस्टर्ड एक अन्य एनजीओ जन जागृति सेवा संस्थान भी इस गोरखधंधे में शामिल पाया गया।
विदेशों में 400 करोड़ का ट्रांसफर
जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि इस रैकेट ने दुबई, चीन, और हांगकांग जैसे देशों में फर्जी इंपोर्ट की एंट्री दिखाकर करीब 400 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांसफर किया। अधिकारियों का मानना है कि यह आंकड़ा और भी ज़्यादा हो सकता है। यह दिखाता है कि यह नेटवर्क सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैला हुआ है।
आयकर विभाग का कहना है कि यह जांच अभी शुरुआती चरण में है। आने वाले दिनों में और भी बड़े नामों के सामने आने की उम्मीद है। विभाग को शक है कि इस रैकेट में राजनीतिक वित्त पोषण, हवाला कारोबार, और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा जाल शामिल है।