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अजमेर। अजमेर जिले के हरिभाऊ उपाध्याय नगर थाना क्षेत्र में एक झोपड़ी से मजदूर का शव मिलने के बाद मामला हत्या का निकला। 13 अप्रैल को झोपड़ी से दुर्गंध आने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां मध्य प्रदेश निवासी कोडरी सीताराम (30) पुत्र रघुनाथ का शव बरामद हुआ। मृतक मजदूरी का कार्य करता था और घटनास्थल पर उसका साला मस्तराम भी मौजूद था, जो उसके साथ ही रहता था। सब इंस्पेक्टर पारुल यादव ने बताया कि मस्तराम ने पुलिस को बताया कि उसका जीजा पिछले कुछ दिनों से शराब के नशे में था और काम पर नहीं जा रहा था। उसने दावा किया कि जीजा की मौत भूख-प्यास और गर्मी से हो गई होगी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने मस्तराम की बातों को सच मानते हुए शव का पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाकर उसे सुपुर्द कर दिया, जिससे वह शव को मध्य प्रदेश ले गया। हालांकि मामले ने तब नया मोड़ लिया जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई। सब इंस्पेक्टर पारुल यादव ने बताया कि रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मृतक के शरीर के बाईं ओर गंभीर चोटें थीं और आंतों में भारी फ्रैक्चर पाए गए। ये चोटें ही उसकी मौत का कारण बनीं। इसके बाद पुलिस ने मामले को हत्या के रूप में दर्ज किया और जांच शुरू की। थाना प्रभारी महावीर प्रसाद के नेतृत्व में टीम ने मस्तराम को पूछताछ के लिए मध्य प्रदेश से अजमेर बुलाया। सख्ती से पूछताछ करने पर मस्तराम ने अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसका जीजा अक्सर शराब पीकर उसे गाली-गलौज करता था। 11 अप्रैल की रात भी जीजा ने अभद्र व्यवहार किया, जिससे गुस्से में आकर मस्तराम ने पहले डंडे से हमला किया और फिर ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी। सब इंस्पेक्टर पारुल यादव ने बताया कि हत्या के बाद मस्तराम पास की झोपड़ी में जाकर सो गया और अगले कुछ दिनों तक रोज झोपड़ी जाकर मृतक की स्थिति देखता रहा। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त डंडा बरामद कर लिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में मस्तराम को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। यह मामला दर्शाता है कि प्रारंभिक जानकारी पर भरोसा करना जांच में बड़ी चूक का कारण बन सकता है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी।